World Earth Day 2022: पर्यावरण के प्रति जागरुकता और परिवर्तित हो रही जलवायु को ध्यान में रखकर पर्यावरण संरक्षण और मानव जीवन की रक्षा के लिये कार्य करने का उत्तरदायित्व सभी का हो गया है. देश का सबसे बड़ा परिवहन संगठन होने के कारण भारतीय रेलवे की जिम्मेदारी बहुत बड़ी है. भारतीय रेलवे ऊर्जा संसाधनों का एक महत्वपूर्ण उपभोक्ता है. भारतीय रेलवे के विजन दस्तावेज में है कि नवीकरणीय स्रोतों से अपनी ऊर्जा आवश्यकता का कम से कम 10 फीसद उपयोग करना है. रेलवे का प्रयास है कि परंपरागत ऊर्जा की अपेक्षा अधिकाधिक नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग किया जाये. उत्तर पश्चिम रेलवे कार्बन उत्सर्जन को कम कर पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को बढ़ाने के साथ.साथ राजस्व की भी बचत कर रहा है.
पिछले कुछ समय में सौर ऊर्जा पर काफी काम हुए
उत्तर पश्चिम रेलवे परिक्षेत्र सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए समृद्व है. पिछले कुछ समय में सौर ऊर्जा पर काफी काम किये गये हैं. अभी तक कुल 7.126 MWp क्षमता के सोलर पैनल स्थापित किये गये हैं. सोलर पैनल के स्थापित होने से प्रतिवर्ष 79 लाख यूनिट ऊर्जा और लगभग 5 करोड़ रुपये के राजस्व की बचत की जा रही है. जैसलमेर में 26 मेगावाट का पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है. ऊर्जा संयंत्र से प्रति वर्ष लगभग 43 एमयू ऊर्जा उत्पन्न होती है. उसका इस्तेमाल उत्तर पश्चिम रेलवे और पश्चिम मध्य रेलवे में कर्षण उद्देश्य के लिए किया जाता है.
द क्लाइमेट ग्रुप के अध्ययन में बताया गया है कि वैश्विक CO2 उत्सर्जन में 6 फीसद प्रकाश व्यवस्था का योगदान रहता है. उत्तर पश्चिम रेलवे के 570 स्टेशनों और 963 सर्विस बिल्डिंग में 100 फीसद ऊर्जा दक्ष एलईडी तकनीक के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन को कम किया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है. 236452 एलईडी लाइट फिटिंग से 103 लाख यूनिट प्रति वर्ष बिजली की बचत होती है. दिसंबर 2023 तक सभी रेल लाइनों के विद्युतीकरण करने का लक्ष्य के साथ पूरी तरह हरित रेलवे (शून्य कार्बन उत्सर्जन) में परिवर्तित करने की योजना है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर कुल 70 जोड़ी यात्री गाड़ियां डीजल लोकोमोटिव से इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव पर संचालित की जा रही हैं, जो संचालित कुल यात्री गाड़ियो का 28 फीसद हैं.
2864 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण पूरा
उत्तर पश्चिम रेलवे पर अभी तक 2864 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण पूर्ण किया जा चुका है और दिसंबर 2023 तक सभी लाइनों के विद्युतीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. रेलवे की सभी लाइनों के विद्युतकर्षण होने पर ग्रीन हाऊस गैसों के उत्सर्जन में अपेक्षित कमी आयेगी और शून्य कार्बन उत्सर्जन उद्देश्य की ओर अग्रसर होंगे. रेलवे का प्रयास है कि पर्यावरण और ऊर्जा संरक्षण के लिये यथासंभव कार्य किये जायें और पर्यावरण अनूकुल स्त्रोतों का अधिकाधिक उपयोग किया जाये, जिससे हानिकारक गैसों के उत्सर्जन प्रभाव को कम किया जा सके.