Presidential Election 2022: विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को बनाया उम्मीदवार, जयंत सिन्हा बोले- 'इसे पारिवारिक मामला ना बनाएं'
Ranchi News: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जयंत सिन्हा ने अपने पिता यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी पर कहा कि, मेरा निवेदन है कि इसे पारिवारिक मामला ना बनाएं. मैं बीजेपी का कार्यकर्ता और सांसद हूं.
Yashwant Sinha Son Jayant Sinha Reaction on Presidential Election 2022: एनडीए और विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है. एनडीए (NDA) ने झारखंड (Jharkhand) की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीएमसी नेता रहे यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को कैंडिडेट बनाया है. साल 2018 तक यशवंत सिन्हा बीजेपी (BJP) में थे लेकिन इसके बाद उन्होंने टीएमसी (TMC) का दामन थाम लिया था. उनके बेटे जयंत सिन्हा (Jayant Sinha) बीजेपी सांसद हैं.
'पारिवारिक मामला ना बनाएं'
जयंत सिन्हा ने यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, मेरा निवेदन है कि आप सभी इसे पारिवारिक मामला ना बनाएं. उन्होंने ट्विटर पर अपना वीडियो बयान जारी करते हुए कहा कि, "विपक्ष द्वारा मेरे आदरणीय पिता जी यशवंत सिन्हा जी को राष्ट्रपति हेतु प्रत्याशी घोषित किया गया है. इस घोषणा के बाद से ही लोग और मीडिया मुझसे सवाल कर रहे हैं. मैं आप सबसे यही निवेदन करूंगा कि इस समय मुझे आप एक पुत्र के रूप में न देखें, इसे एक पारिवारिक मामला न बनाएं. जयंत ने पिता की बजाय पार्टी के प्रति अपने दायित्वों को निभाने की बात कहते हुए आगे कहा कि, "मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं, हजारीबाग से भाजपा का सांसद हूं. मैं अपने संवैधानिक दायित्वों को समझता हूं और इसे पूरी तरह से निभाऊंगा।"
आप सभी को जोहार 🙏
— Jayant Sinha (@jayantsinha) June 21, 2022
विपक्ष द्वारा मेरे आदरणीय पिता जी श्री यशवंत सिन्हा जी को राष्ट्रपति हेतु प्रत्याशी घोषित किया गया है।
मेरा निवेदन है कि आप सभी इसे पारिवारिक मामला न बनाएं।
मैं @BJP4India का कार्यकर्ता और सांसद हूँ। मैं अपने संवैधानिक दायित्व को पूरी तरह निभाउंगा।
जय हिंद! pic.twitter.com/yvyMAFWR8w
यशवंत सिन्हा का झारखंड से कनेक्शन
बता दें कि, यशवंत सिन्हा झारखंड से सांसद रह चुके हैं. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी रह चुके हैं. 84 साल के हो चुके यशवंत सिन्हा को विपक्षी खेमे में स्थान मिला और उसने राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाया है. उन्हें उम्मीदवार ऐसे दौर में बनाय गया है जब माना जा रहा था कि उनका राजनीतिक सफर समाप्त होने की ओर अग्रसर है. सिन्हा ने 1984 में प्रशासनिक सेवा छोड़ दी और जनता पार्टी में शामिल हो गए. उन्होंने 1998 में हजारीबाग से लोकसभा चुनाव जीता और सरकार में 2002 तक वित्त मंत्री रहे और बाद में विदेश मंत्री बने.
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