साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. NDA ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 324 सीटों पर जीत हासिल की. बीजेपी ने अकेले 311 सीटों पर जीत हासिल की जबकि उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनोवाल) ने 9 सीटें और भारतीय सुहलदेव समाज पार्टी ने 4 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं इस चुनाव में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को 54 सीटें और बीएसपी के खाते में 19 सीट मिली थी.
अगर पार्टियों के वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी का वोट शेयर 40.6 प्रतिशत, बीएसपी का 22.3 प्रतिशत, सपा का 21.7 प्रतिशत और कांग्रेस क 6.0 प्रतिशत था. आज हम यूपी की उन दो विधानसभा सीटों की बात करेंगे जहां 2017 चुनाव में सबसे ज्यादा और सबसे कम प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया.
इलाहाबाद उत्तर से सबसे ज्यादा प्रत्याशी
यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में इलाहाबाद उत्तर सीट से सबसे ज्यादा प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया. इस सीट से कुल 34 लोगों ने नामांकन दाखिल किया. दूसरे नंबर पर आगरा दक्षिण विधानसभा सीट थी, इस सीट से 33 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया. नोएडा से 31 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया.
इलाहाबाद उत्तर सीट से जिन 34 लोगों ने नामांकन दाखिल किया उसमें से 6 का नामांकन रद्द हो गया. दो ने अपना नाम वापस ले लिया. 24 लोगों ने चुनाव लड़ा.
इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के हर्शवर्धन वाजपेयी ने चुनाव जीता वहीं कांग्रेस के अनुग्रह नारायण सिंह दूसरे नंबर पर रहे. हर्षवर्धन वाजपेयी को 89191 वोट मिले और अनुग्रह नारायण सिंह को 54166 वोट मिले. बीजेपी ने यह सीट 35 हजार 25 वोट से जीत लिया.
धनौरा से सबसे कम प्रत्याशी
अमरोहा जिले में स्थित धनौरा विधानसभा सीट से साल 2017 के चुनाव में सबसे कम प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा. इस सीट से सिर्फ 5 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया. इसके अलावा रामपुर, कुंडा और इटावा सीट से भी सिर्फ 6 प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल किया.
धनौरा विधानसभा सीट से 4 पुरुषों और एक महिला ने पर्चा दाखिल किया था. इस सीट पर 15 फरवरी 2017 को चुनाव हुआ. चुनाव में बीजेपी के राजीव कुमार ने जीत हासिल की. उन्हें 102943 वोट हासिल हुए. वहीं दूसरे नंबर पर सपा के जगराम सिंह रहे जिन्हें 64714 वोट हासिल हुए. बीजेपी ने इस सीट पर 38229 वोट से जीत हासिल की.
सबसे कम अन्तर से जीतने वाले प्रत्याशी
साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में सबसे कम अंतर से चुनाव जीतने वाले बीजेपी नेता राघवेंद्र प्रताप सिंह थे. उन्हें डुमरियागंज विधानसभा सीट से 67,227 वोट मिले थे वहीं बीएसपी के सैयद खातून को 67,056 वोट मिले थे. करीबी मुकाबले में राघवेंद्र प्रताप सिंह केवल 171 वोट से चुनाव जीते थे.
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