Undertrial Prisoners: जानिए- आपके राज्य में विचाराधीन कैदियों की तादाद कितनी है, दशकों से जेलों में बंद हैं, इन सूबों में हुआ भारी इजाफा
NCRB द्वारा दिए गए और इंडिया जस्टिस रिपोर्ट द्वारा विश्लेषण किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में विचाराधीन कैदियों की संख्या 2020 में तेजी से बढ़ी
Undertrial Prisoners: जेलों में विचाराधीन कैदियों (Undertrial Prisoners) की संख्या 2020 में तेजी से बढ़ी. हलांकि दोषियों की संख्या में गिरावट आई जिसके परिणामस्वरूप जेल (Prison) में बंद कैदियों की संख्या तीन-चौथाई से अधिक हो गई, जो कम से कम एक दशक में उच्चतम अनुपात रहा है. वहीं 2020 में वर्ष 2019 की तुलना में जमानत (Bail) पर रिहा किए गए विचाराधीन कैदियों (Undertrial Prisoners) की संख्या में भी 2.6 लाख की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई. ये आंकड़े एनसीआरबी (NCRB) द्वारा दिए गए और इंडिया जस्टिस (India Justice) रिपोर्ट द्वारा विश्लेषण किए गए आंकड़ों से सामने आए हैं. चलिए यहां जानते हैं के देश के अलग-अलग राज्यों में विचाराधीन कैदियों की संख्या में कितना इजाफा हुआ है.
किन राज्यों में ज्यादा विचाराधीन कैदियों की संख्या में हुआ इजाफा
- विचाराधीन कैदियों (Undertrial Prisoners) के अनुपात में सबसे अधिक वृद्धि पंजाब में हुई. यह 2019 में 66% से बढ़कर 2020 में 85% हो गई,
- इसके बाद हरियाणा का नंबर आता है. यहा यह 64% से बढ़कर 82% हो गया.
- तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश का नाम आता है. यहां विचाराधीन कैदियों की संख्या का अनुपात 2019 में 54% से बढ़कर 2020 में लगभग 70% हो गया.
- छत्तीसगढ़ में विचाराधीन कैदियों के अनुपात में 10% से अधिक की वृद्धि देखी गई.
एमपी को छोड़कर अन्य तीन राज्यों में ओवरऑल जेल पॉपुलेशन में गिरावट आई
वहीं मध्य प्रदेश को छोड़कर, अन्य तीन राज्यों में कैदियों की रिहाई के कारण ओवरऑल जेल पॉपुलेशन में गिरावट देखी गई और इसलिए विचाराधीन कैदियों का अनुपात बढ़ गया. पंजाब के मामले में, 2019 की तुलना में 2020 में विचाराधीन कैदियों की पूर्ण संख्या कम होने के बावजूद अनुपात बढ़ा. वहीं दिल्ली में भी, विचाराधीन कैदियों की आबादी 82% से बढ़कर 91% हो गई, जिससे यह राज्य में विचाराधीन कैदियों के उच्चतम अनुपात वाला राज्य बन गया.
साल 2020 में बिहार सहित यूपी, झारखंड और जम्मू कश्मीर में कैदियों की संख्या बढ़ी
इसी के साथ बता दें कि, बिहार में जेल की पॉपुलेशन में 12,120 कैदियों की संख्या बढ़ी गौरतलब है कि इनमें से अधिकांश विचाराधीन कैदी हैं. पहीं यूपी, झारखंड, और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी यही स्थिति थी. जबकि 2019 में, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों का संयुक्त विचाराधीन अनुपात 83.4% था, जो देश में सबसे अधिक था, जो 2020 में बढ़कर 90.5% हो गया.
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