नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु 18 साल के बढ़ाकर 21 साल करने से जुड़े एक बिल को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल लाल किले से दिए भाषण में इसका जिक्र किया था. इस बिल का नाम है, दी प्रोविजन ऑफ चाइल्ड मैरिज (अमेंडमेंट) बिल, 2021. सरकार इसे संसद के शीतकालीन सत्र में ही पेश कर सकती है. इसके जरिए चाइल्ड मैरिज एक्ट, 2006 में संशोधन किया जाएगा. वहीं इस बिल की खबर सामने आने के बाद इस पर विवाद भी शुरू हो गया है.


लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने के साथ ही सरकार को कई कानूनों में भी बदलाव करना होगा. इनमें इंडियन क्रिश्चियन मैरिज एक्ट, 1872,  पारसी मैरिज एंड डायवोर्स एक्ट 1936, मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) एप्लिकेशन एक्ट, 1937 और स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 शामिल है. 


विपक्ष ने सरकार पर क्या लगाए आरोप?


इस बिल की खबर सामने आते ही इस पर विवाद शुरू हो गया. एक तरफ विपक्ष ने इसे असली मुद्दों से ध्यान भटकाने वाला बताया है. वहीं बीजेपी ने इसे नरेंद्र मोदी सरकार का एक प्रगतिशील कदम बताया है. कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने के फैसले को चुनाव से जोड़ दिया है. उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश के चुनाव को देखते हुए बीजेपी ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है. इसी के तहत लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाई जा रही है.


सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का विवादित बयान, बोले- 'शादी की उम्र सीमा बढ़ाने से लड़कियां आवारगी करेंगी'


वहीं समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा है कि लड़कियों की शादी की उम्र सीमा बढ़ा दिए जाने के बाद से वो और ज्यादा आवारगी करेंगी. वहीं महाराष्ट्र में सपा के नेता अबु आजमी ने इस बिल को जनसंख्या नियंत्रण की कोशिश से जोड़ा. उनका कहना था कि इस कानून को वे लोग ला रहे हैं, जिनके अपने बच्चें नहीं हैं. उन्हें इसके बारे में क्या पता. उन्होंने कहा कि कानून बनाने में उन लोगों की राय लेनी चाहिए, जिनके बच्चे हैं. गांवों और आदिवासी इलाकों के लोगों से पूछना चाहिए.


CM योगी आदित्यनाथ बोले- सरकार को आने वाले 25 साल तक दुनिया की कोई ताकत...


झारखंड सरकार में मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हफीजुल अंसारी ने कहा कि लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए. उनका कहना है कि सरकार असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के यह सब कर रही है. 


बीजेपी सांसद ने क्या कहा


वहीं बीजेपी के राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा ने पूछा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी प्रगतिशील सामाजिक सुधार की बात करते हैं तो एक खास समुदाय के नेता, क्यों मैदान में कूद पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि बाल विवाह के मुद्दे पर भी हम बंट रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने एक प्रगतिशील फैसला लिया है.