AAP-कांग्रेस की तस्वीर नहीं हुई साफ तो 8 राज्यों पर पड़ सकता है असर, 2023 के ये तीन चुनाव होंगे 2024 का सेमीफाइनल!
AAP-Congress Alliance: आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई. दोनों दलों के नेताओं के बयानों ने राजनीतिक हलकों में नई अटकलों को जन्म दिया है.
AAP-Congress Alliance: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले गठबंधन को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच बढ़ी तनातनी का असर, इस साल होने वाले तीन राज्यों के विधान सभा चुनावों पर भी पड़ सकता है. दो राज्यों क्रमशः छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जहां कांग्रेस की सरकार है तो वहीं मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सत्तारूढ़ है. इसके अलावा लोकसभा चुनाव के वक्त दिल्ली, गुजरात, हिमाचल, हरियाणा, और पंजाब में भी असर पड़ने के आसार हैं. लोकसभा चुनाव के नजरिए से देखें तो कुल 8 राज्यों पर असर पड़ सकता है जिसमें एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली मुख्य हैं.
दीगर है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को हुई एक बैठक के बाद कांग्रेस और AAP नेताओं के बयान से तनातनी दिखी. हालांकि अभी तक कांग्रेस की ओर से गठबंधन पर अभी तक कोई आखिरी फैसला नहीं हुआ है लेकिन बयानों से राजनीति गर्म हो गई है.
बता दें इस साल के अंत में छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है. इन तीनों राज्यों में मूलतः लड़ाई कांग्रेस बनाम भारतीय जनता पार्टी रही है. लेकिन बीते कुछ सालों में आम आदमी पार्टी ने भी संगठनात्मक स्तर पर अपनी मौजूदगी मजबूत करने की कोशिश की है.छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जहां पार्टी ने अपने नेताओं को तैनात कर दिया है वहीं एमपी में बीते साल हुए स्थानीय निकाय के चुनावों में पार्टी ने कुछ सीटों पर जीत हासिल की, जिससे AAP के हौसले बुलंद हैं.
भले ही INDIA परचम के तले साथ रहें लेकिन...
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर तीनों राज्यों के विधानसभा चुनावों तक भी गठबंधन पर कोई अंतिम फैसला न हो और दोनों दल INDIA गठबंधन के परचम तले साथ रहें, तब भी दोनों पार्टियों के नेताओं के बयान असर डाल सकते हैं. तीनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी तुनाव लड़ने का एलान कर चुकी है. इतना ही नहीं पार्टी ने संगठनात्मक नियुक्तियों के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की है वह सिर्फ नाम के लिए चुनाव नहीं लड़ेगी.
मध्य प्रदेश में चुनाव के नजरिए से ही 20 अगस्त को पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की रीवा में सभा है. इससे पहले 19 अगस्त को सीएम केजरीवाल, छत्तीसगढ़ का दौरा करेंगे. चुनावी साल में यह उनका तीसरा दौरा होगा. इससे पूर्व में 18 जून को अरविंद केजरीवाल में राजस्थान में सभा की और सीएम अशोक गहलोत की सरकार पर जमकर बरसे थे. ऐसे में यह स्पष्ट है कि AAP पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी. अगर, दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई तो लोकसभा चुनाव से पहले ही इन तीनों राज्यों के विधानसभा चुनाव में ही INDIA गठबंधन के दोनों दल, एक दूसरे के आमने-सामने होंगे.
लोकसभा चुनाव में भी कांटे की टक्कर!
विधानसभा चुनावों से इतर, लोकसभा चुनावों से पहले भी AAP-Congress के गठबंधन पर तस्वीर साफ नहीं हुई तो पंजाब, दिल्ली और गुजरात सरीखे राज्यों में भी लड़ाई कांटे की हो सकती है. गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी भले ही सिर्फ पांच सीटें जीती हो लेकिन उसने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया. वहीं पंजाब में तो कांग्रेस को ही हराकर AAP सत्ता में आई है. यूं तो दिल्ली में सरकार होने के बाद भी AAP लोकसभा में 0 है लेकिन वह कांग्रेस को भी नुकसान पहुंचा सकती है. दिल्ली की सभी सात सीटें, भारतीय जनता पार्टी के हिस्से में हैं.
गुजरात में बीते दिनों AAP की राज्य इकाई के मुखिया इसुदान गढ़वी ने कहा था कि पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेगी वहीं पंजाब में कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने AAP के साथ आने पर इनकार किया था. दूसरी ओर दिल्ली में अभी तक तस्वीर साफ नहीं है. गठबंधन पर निर्णायक फैसला न होने का असर हिमाचल, हरियाणा में भी पड़ने के आसार हैं. हिमाचल में AAP ने कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन नतीज सिफर रहा, वहीं हरियाणा में स्थानीय निकाय चुनावों में AAP ने कुछ सीटों पर बाजी मारी थी.