नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) में लखनऊ की दिव्यांशी जैन को शत-प्रतिशत नंबर मिले हैं. लखनऊ के नवयुग रेडियंस स्कूल की छात्रा दिव्यांशी को 12वीं बोर्ड परीक्षा में 600 में से 600 नंबर हासिल हुए हैं. दिव्यांशी के पास इंग्लिश,संस्कृत, हिस्ट्री, भूगोल, इंश्योरेंस और इकोनॉमिक्स विषय थे और इन सभी विषयों में उनके 100 में से 100 अंक आए हैं.
सीबीएसई ने इस बार कोरोना वायरस महामारी के चलते असेसमेंट स्कीम के तहत बोर्ड परीक्षा के पिछले तीन पेपरों के औसत मार्क्स के आधार पर नंबर दिए हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो रद्द किए गए शेष पेपरों के मार्क्स उन पेपरों के एवरेज मार्क्स के आधार पर दिए गए हैं, जो पहले हो चुके हैं.
दिव्यांशी के पिता राजेश प्रकाश जैन पेशे से व्यवसायी हैं. वहीं, माता सीमा जैन ग्रहणी हैं. छात्रा बताती हैं कि उन्होंने कभी ये नहीं गिना कि वो कितने घंटे पढ़ाई करती हैं, लेकिन शॉर्ट नोट्स अक्सर बनाए और वक़्त-वक़्त पर सिलेबस को रिवाइज करती रहीं, यह जानने के लिए कि कितना समझ आया है.
दिव्यांशी कहती हैं, "मैंने साल भर 12वीं की शुरुआत से ही हर रोज़ पढ़ाई की और अंतिम वक़्त के लिए कुछ नहीं छोड़ा." अक्सर 12 वीं की बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने के लिए छात्र, छात्राएं दिन-रात मेहनत करते हैं, ट्यूशन का सहारा लेते हैं या गाइड-कुंजियों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन शत प्रतिशत मार्क्स लाने वाली दिव्यांशी कहती हैं, "मैंने गाइड की किताबों का कम से कम इस्तेमाल किया और ज़्यादा ध्यान एनसीईआरटी की किताबों पर ही दिया. साथ ही 8 घंटे की पूरी नींद भी ली. मैंने हर दिन थोड़ी थोड़ी पढ़ाई की.”
दिव्यांशी ने कहा कि कई बार किसी दिन पढ़ाई छूट जाने पर मैंने अगले दिन उस विषय को ध्यानपूर्वक पढ़ा और लगातार अपने लिए सवाल की एक फेहरिस्त तैयार की, ये जानने के लिए कि मुझे कितना आता है, लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान भी मैंने अपने आप को रिलैक्स रखा. फिलहाल, दिव्यांशी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए (ऑनर्स) की पढ़ाई करने का फैसला किया है.
इस साल 12वीं का रिजल्ट पिछले साल की तुलना में अच्छा रहा है. इस साल कुल पास प्रतिशत 88.78 फीसदी रहा जबकि पिछले साल यह करीब 83 फीसदी था. त्रिवेंद्रम रीजन (97.67 फीसदी) का रिजल्ट सबसे अच्छा रहा जबकि पटना रीजन ( 74.57 फीसदी) का रिजल्ट सबसे खराब रहा. साथ ही इस साल लड़कियों का पास प्रतिशत लड़कों से ज्यादा रहा.
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