उज्जैनः चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद शुक्रवार को पहली बार उज्जैन पहुंचे शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना को लेकर एक वक्त उन्हें ऐसा लगा था कि उज्जैन और इंदौर हाथ से निकल जाएंगे क्योंकि इन दोनों ही जिलों में स्थिति बेहद खराब थी. सीएम ने कहा कि फिलहाल यहां स्थिति बेहतर है. देश के बड़े राज्यों में मध्य प्रदेश कोरोना संक्रमण के मामलों में 13वें नंबर पर है.
अनलॉक के कारण मामले बढ़े, लेकिन हालात बेहतर
धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सबसे पहले भगवान महाकाल के दर्शन किए. इसके बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक में कोरोना के हालात की समीक्षा की. उज्जैन फिलहाल रेड जोन में है और यहां पर 71 लोगों की कोरोना की वजह से मौत हो चुकी है.
समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मध्यप्रदेश में अनलॉक की वजह से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने साथ ही कहा, “ग्वालियर में अभी 162 कोरोना पॉजिटिव निकले हैं. इसके अलावा इंदौर में भी कोरोना पॉजिटिव मामले बढ़ें हैं, लेकिन स्थिति अभी बेहतर है.”
उज्जैन और इंदौर के हालात पर बोलते हुए शिवराज ने कहा, “एक समय उज्जैन और इंदौर की स्थिति बेहद खराब हो गई थी जिसे धीरे-धीरे संभाल लिया गया है.” शिवराज ने साथ ही बताया कि उन्होंने बीते सवा 3 महीनों में कोरोना को लेकर राज्य में 300 घंटे से ज्यादा की समीक्षा बैठक ली हैं.
कलमनाथ सरकार ने नहीं की कोई कार्रवाई
वहीं गुना में हुई घटना पर बोलते हुए शिवराज ने पूर्व सीएम कमलनाथ पर भी निशाना साधा और कहा कि कमलनाथ के कार्यकाल में भी अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों पर अत्याचार हुए लेकिन पूर्व सीएम ने कोई कार्रवाई नहीं की.
शिवराज ने कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कार्यकाल में राजगढ़, देवास सहित कई जिलों में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के साथ अत्याचार हुआ, लेकिन कमलनाथ सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की जबकि गुना में हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे के बाद हमारी सरकार ने गुना के सारे बड़े अधिकारी बदल दिए.”
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