कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन ही एक  मात्र उपाय है, फिर भी करीब एक लाख 47 हजार व्यक्ति पहला डोज लगवाने की समय सीमा के बाद एक महीना बीत जाने के बाद भी दूसरा डोज लगवाने नहीं आए है. स्वास्थ्य विभाग ने दूसरा डोज नहीं लगवाने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर कार्य योजना तैयार कर ली है. जिसके तहत व्यक्ति नहीं लगवाने वाले व्यक्तियों से व्यक्तिगत रूप से मोबाइल पर तो संपर्क किया ही जाएगा  साथ ही उनके बच्चों स्कूल के शिक्षकों द्वारा प्रेरित किया जाएगा कि वह अपने माता-पिता पर कोरोना वैक्सीन   का दूसरा डोज लगवाने के लिए दबाव बनाएं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में नौ लाख 60 हजार 263 लोगों को वैक्सीन का पहला डोज और दूसरा डोज लगना है  16 जनवरी से शुरु हुए वैक्सीनेशन अभियान से अब तक 9 लाख 7 हजार 160 लोगों को वैक्सीन का पहला और तीन लाख 95 हजार 927 को दूसरा टीका लगा है.


1 लाख 47 हजार ने नहीं लिया दूसरा डोज


जिले में करीब एक लाख 47 हजार 783 लोग ऐसे है जिनको पहले टीके के बाद दूसरा लगाने की  समय अवधि 1 महीने ज्यादा बीत जाने के बाद भी वैक्सिंग नहीं लगवाया है. स्वास्थ्य विभाग इसके पीछे कारण  कोरोना संक्रमण कम होने से डर खत्म होना और दूसरा लापरवाही वा भ्रम मान रहा है. इस अनदेखी से वैक्सीन का तय लक्ष्य पूरा होने की बजाय अधर अटक गया है सीएचएमओ डॉक्टर सुधीर डेहरिया के बताया  जिला इस समय कोरोना मुक्त चल रहा है. सोमवार को जारी हुई रिपोर्ट में मरीजों की संख्या सुन दर्ज हुई है 535 लोगों के सैंपल लेकर  जांच के लिए लेप भेजे हैं.


10 हजार में मिले 142 कोरोना संक्रमित


जिले के टीकाकरण अधिकारी डॉ. एमके चदेंल ने कहा है कि जिले मे दस हजार 142 कोरोना  पॉजिटिव मिले हैं जिसमें 10 हजार 20 मरीज रिकवर हो गए, जबकि 122 लोगों की मौत हुई है अभी तक एक भी एक्टिव केस नहीं है. वैक्सीन के फर्स्ट और सेकंड डोज से वंचित लोगों से अब कॉल कर संपर्क किया जाएगा इस काम में धर्मगुरु जनप्रतिनिधि स्कूल व कॉलेज के छात्र छात्राओं की भी मदद ली जाएगी जिससे कि वैक्सीन लगाने का लक्ष्य जल्द ही पूरा हो सके.


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