MP News: एमपी में 100 लाख मीट्रिक टन गेहूं उपार्जन का लक्ष्य, जबलपुर में 29 मार्च से होगी MSP पर खरीदी
MP Farmers News: पिछले साल MP में एमएसपी पर 71 लाख मीट्रिक टन की गेहूं की खरीदी हुई थी. इस खरीदी में सबसे बड़ी परेशानी समर्थन मूल्य को लेकर है.
MP Government Wheat Purchase On MSP: मध्य प्रदेश में समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं की खरीदी की तैयारी सरकार के लेवल पर कर ली गई है. जबलपुर जिले में 29 मार्च से खरीदी शुरू की जा रही है.इस बार मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं पर 125 रुपए बोनस देने का निर्णय लिया है,जिसके बाद किसानों को गेहूं की कीमत 2400 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगी. जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने किसानों से अपील की है कि स्लॉट बुक करके ही उपार्जन केंद्र पहुंचे और एफएक्यू (FAQ) का खास तौर पर ध्यान रखें.
केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश को 22 मार्च से शुरू हो रही रबी सीजन की गेहूं खरीदी में 100 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया गया है, जो पिछले साल से करीब 40% ज्यादा है. पिछले साल मध्य प्रदेश में एमएसपी पर 71 लाख मीट्रिक टन की गेहूं की खरीदी हुई थी.
माना जा रहा है कि खरीदी का लक्ष्य पूरा करने में सरकार को कई तकलीफें आने वाली है. इस खरीदी में सबसे बड़ी परेशानी समर्थन मूल्य को लेकर है. इस बार मोहन यादव सरकार में चुनावी वादे को आंशिक तौर पर पूरा करते हुए गेहूं पर 125 रुपए बोनस देने की घोषणा की है. बोनस के बाद भी एमएसपी 2400 रुपये क्विंटल ही पहुंची है, जो मंडियों के बराबर का भाव है. ऐसे में सरकार के लिए लक्ष्य प्राप्त करना टेढ़ी खीर साबित होगा.
वादा पूरा न करने का लगाया आरोप
वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने मोहन यादव सरकार पर वादा पूरा न करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ के प्रदेश व्यापी आंदोलन के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं के समर्थन मूल्य 2275 पर 125 रुपये बोनस देने का प्रस्ताव पास किया हैं, जो मोदी की गारंटी के मुताबिक नहीं है.
आंजना ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कहा है कि मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने विधानसभा चुनाव के पहले अपने संकल्प पत्र में गेहूं पर 2700 रुपये एवं धान पर 3100 रुपये देने का वादा किया था, जिसे उन्होंने मोदी की गारंटी के नाम से प्रचारित किया था.
'किसान संघ लड़ाई लड़ता रहेगा'
इसी गारंटी के आधार पर किसानों ने भारतीय जनता पार्टी पर विश्वास करते हुए पूर्ण बहुमत की सरकार बनवाई थी. अब सरकार ने अपना वादा पूरा न करते हुए किसानों को बोनस के नाम पर सिर्फ 125 रुपये गेहूं खरीदी पर देने की घोषणा की है, जबकि धान पर अभी भी कोई बात नहीं की है.
इससे प्रदेश के किसानों को निराशा हुई है. उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ इस मूल्य से संतुष्ट नही है और किसानों के साथ हुई वायदा खिलाफी का विरोध करता है. जब तक सरकार गेहू पर 2700 का भाव और धान पर 3100 का भाव देना सुनिश्चित नही करती है, तब तक भारतीय किसान संघ किसानों के हित में लड़ाई लड़ता रहेगा.
जबलपुर जिले में गेहूं खरीदी की गाइड लाइन तय
1. जबलपुर जिले में 125 रुपये बोनस के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (2400 प्रति क्विंटल) पर गेहूं की खरीदी दिनांक 29.03.2024 से प्रारंभ हो रही है.
2. किसान द्वारा अपनी सुविधानुसार उपार्जन केन्द्र, विक्रय दिनांक और समय का चयन स्लॉट बुकिंग के माध्यम से किया जा सकता है.
3. बिना स्लॉट बुकिंग किए उपार्जन केन्द्र अथवा उपार्जन केन्द्र परिसर में गेहूं लाना सर्वथा वर्जित होगा.
4. बिना स्लॉट बुकिंग किए उपार्जन केंद्र पर गेहूं लाने वाले किसानों के पंजीयन निरस्त किए जाएंगे और उनसे खरीदी नहीं की जायेगी.
5. केवल साफ़-सुथरा तथा सूखा गेहूं ही खरीदा जाएगा.
6. उपार्जन केन्द्र पर पंखा, छन्ना, ग्रेडिंग मशीन और मॉइस्चर मीटर की व्यवस्था रहेगी.
7. यदि किसान NON-FAQ गेहूं उपार्जन केन्द्र पर लाते हैं तो उन्हें स्वयं के खर्चे पर उसे अपग्रेड करना होगा.
8. किसानों को प्रशासन की ओर से सलाह दी गई है कि वह गेहूं की तुलाई करवाकर, पावती प्राप्त कर, गेहूं को बोरों में भरने के बाद टैग लगाने की पुष्टि करने के उपरांत ही उपार्जन केन्द्र से प्रस्थान करें. उपार्जन केन्द्र प्रभारी के भरोसे गेहूं छोड़कर कदापि न जाएं.
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