मध्य प्रदेश के खरगोन (Khargone) में मुसलमानों का डर दिखाकर जमीन खरीदी का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि 30 वर्ष पूर्व 'तंजीम ए जरखेज' नाम की संस्था बनाकर हिंदू किसानों से औने पौने दाम में जमीन खरीदी गई थी. बाद में तंजीम ए जरखेज संस्था का नाम बदलकर प्रोफेसर पीसी फाउंडेशन कर दिया गया. आरोप है कि संस्था ने घोटाले के लिए तंजीम ए जरखेज बनाकर हिंदू किसानों को मुसलमानों का डर दिखाया. जबकि इस संस्था में हिंदू संगठन से जुड़े लोग शामिल हैं. उन्होंने बाद में संस्था का नाम बदलकर पीसी फाउंडेशन कर दिया. 30 साल बाद अब मामला तूल पकड़ने लगा है. किसानों ने जमीन की सही कीमत दिलाने की मांग की है. खरगोन शहर के नजदीक डाबरिया, राजपुरा ग्राम में कथित जमीन घोटाला उजागर हुआ है.


जमीन घोटाले के लिए संस्था ने बनाया 'तंजीम ए जरखेज' 


आरोप है कि मुसलमानों का डर दिखाकर जमीन को सस्ते दाम में खरीदा गया था. करीब 1995 में तंजीम ए जरखेज नाम की संस्था का गठन हुआ था. जाकिर खान नाम के मुस्लिम को संस्था का मैनेजर बनाया गया. संस्था ने ग्राम के आसपास लगभग 200 एकड़ जमीन सस्ते दाम में किसानों से खरीद ली. लेकिन 2014-15 में पीसी फाउंडेशन के नाम से संस्था को कर दिया गया. ग्राम राजपुरा निवासी रामनु नारायण कुशवाहा का कहना है कि उनके भाई शिवशंकर कुशवाहा से 30 वर्ष पहले दलाल के माध्यम से तंजीम ए जरखेज ने जमीन खरीदी थी. उस समय उन्हें बताया गया था कि आसपास बूचड़खाने खुलेंगे और मुस्लिम बस्ती बनेगी. इससे उनकी जमीन के भाव कम हो जाएंगे.


2014-15 में संस्था ने नाम को किया पीसी फाउंडेशन


रामनु नारायण का आरोप है कि उनके भाई को भ्रमित कर प्रलोभन दिया गया और  सस्ते दाम में संस्था ने जमीन खरीद ली. कुशवाहा ने बताया मेरे भाई ने तंजीम ए जरखेज के डर से अपनी जमीन बेची. उनके भाई को दलाल के माध्यम से डराया गया. डर के मारे भाई ने 4 एकड़ जमीन सस्ते दाम में बेच दी. आज बेची गई जमीन की कीमत बढ़ गई है. संजय संघवी ने बताया कि 23 वर्ष पहले तंजीम ए जरखेज को हमने जमीन बेची थी. उस समय संस्था बहुत सारे किसानों से जमीन खरीद रही थी. हमारे समाज और परिवार के लोगों ने संस्था को जमीन बेच दी. सभी को बड़ी मुस्लिम बस्ती बसने का डर दिखाया गया था. अब पता चला कि तंजीम ए जरखेज का नाम बदलकर पीसी फाउंडेशन हो गया है. जमीन घोटाले की खबर मीडिया के माध्यम से आई है. उस समय मुस्लिम बस्ती बसाए जाने का डर था. जमीन मेरी पत्नी के नाम पर थी. डर के मारे हमने भी जमीन बेच दी. 


मुसलमानों का डर दिखाकर हिंदू किसानों से ठगी


लगभग 30 वर्ष पूर्व तंजीम ए जरखेज नाम की संस्था का रजिस्ट्रेशन खरगोन में हुआ. जाकिर नाम के एक मुस्लिम को मैनेजर बनाकर संस्था का नाम तंजीम ए जरखेज रखा गया. संस्था में हिंदू संगठनों से जुड़े लोग और बजरंग दल के पूर्व अध्यक्ष भी शामिल थे. 2014-15 में तंजीम ए जरखेज संस्था का नाम बदलकर प्रोफेसर पीसी फाउंडेशन कर दिया गया. साथ ही इसके अध्यक्ष भी बदल दिए गए. तंजीम ए जरखेज के नाम से लगभग 200 एकड़ जमीन स्थानीय किसानों से खरीदी गई और अब कॉलोनी काटकर ऊंचे दामों में बेचा जा रहा है. तंजीम ए जरखेज के मैनेजर जाकिर खान ने संस्था के नाम परिवर्तन में पूरी सहमति दर्ज कराई गई थी. उनका अब इस संस्था से जुड़ाव भी नहीं है. पीसी फाउंडेशन संस्था का अध्यक्ष रंजीत डंडीर को बनाया गया है. डंडीर पूर्व में बजरंग दल के प्रांतीय संयोजक थे और वर्तमान में बीजेपी से जुड़े हुए नेता हैं. 


मामले के शिकायतकर्ता सुधीर कुलकर्णी ने बताया कि तंजीम ए जरखेज से पहले एक और संस्था बनाई गई थी. उसका काम लाइफ इंश्योरेंस की तरह किया जाना था. संस्था ने लोगों से लाइफ इंश्योरेंस के नाम पर पैसे जमा कराए और इसी पैसे से राजपुरा में जरखेज नाम की संस्था रंजीत दांडी, रवि महाजन और अन्य लोगों ने मिलकर बनाई. इन लोगों ने दूसरी संस्था के पैसे से किसानों की जमीन खरीदने के लिए मुसलमानों का डर दिखाया. उन्होंने अपनी संस्था का नाम मुस्लिम नाम की तरह तंजीम ए जरखेज रखा और इसके मैनेजर के पद पर जाकिर शेख को रखा गया. यहीं से पूरे खेल की शुरुआत हुई. 


मदरसा, मुस्लिम कॉलोनी और बूचड़खाने का डर दिखाकर हिंदू किसानों को बरगलाया गया. मुस्लिम किसानों से मस्जिद और मदरसे निर्माण के नाम पर जमीन खरीदी गई. मुसलमानों से कहा गया कि अपनी जमीन कौम के नाम पर सस्ते दाम में बेच दें. लगभग 200 से 300 एकड़ जमीन खरीदी के बाद तंजीम ए जरखेज का नाम बदलकर पीसी फाउंडेशन कर दिया. आरोप है कि अवैध तरीके से सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर कर राजस्व का भी नुकसान पहुंचाया गया. अब कुछ किसानों ने जमीन घोटाले की शिकायत जिला प्रशासन से की है. लेकिन कार्रवाई नहीं हो पा रही है. वकील सुधीर कुलकर्णी आगे बताते है कि जो जमीन मुसलमानों का डर दिखाकर खरीदी गई थी आज वहां 5 एकड़ में गोकुलधाम नाम से कॉलोनी काट ऊंचे दामों पर प्लॉट बेचे गए हैं.


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हमारी मांग है कि घोटाले की प्रशासन जांच कराए और जिन पीड़ित किसानों से सस्ते दामों में जमीन खरीदी गई है उन्हें उनकी जमीन वापस दी जाए या उन्हें उसका मुआवजा दिया जाए. बीजेपी और पीसी फाउंडेशन से जुड़े रवि दांडीर का कहना है कि "मेरा नाम इस सब में घसीटा जा रहा है क्योंकि मैं जाना-पहचाना व्यक्ति हूं." उन्होंने अपने सामने आए कुछ मामलों का भी हवाला दिया कि "मैं सात बार जेल जा चुका हूं, मुझ पर हत्या के आरोप हैं क्योंकि मैंने अपना सारा जीवन हिंदू समाज के लिए लगा दिया है." खरगोन एसडीएम ने कहा कि अभी तक किसी भी किसान से लिखित में शिकायत नहीं मिली है. मामला मीडिया के माध्यम से पता चला है. हम मामले की जांच कराएंगे. जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.