MP News: उज्जैन के आश्रम में काम करने वाली एक सेविका ने दो चोरों से हाथ मिला लिया और आश्रम की सारी गुप्त बातें चोरों को बता दी. इसके बाद चोरों ने बड़ी ही चालाकी से 22 लाख रुपए के माल पर हाथ साफ कर दिया. हालांकि उज्जैन की महाकाल थाना पुलिस ने इंदौर के दोनों चोरों को सेविका के साथ गिरफ्तार कर पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया है.

 

उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि महाकाल थाना क्षेत्र में उजाड़ खेड़ा इलाके में चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले दो बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है. दोनों आरोपियों ने आश्रम में चोरी की वारदात को अंजाम दिया था.

 

योग माया आश्रम में हुई चोरी

 

योग माया आश्रम में हुई चोरी की वारदात के मामले में पुलिस ने जब तकनीकी साक्ष्य खंगाले तो बड़े ही रहस्य में ढंग से खुलासा हुआ. इस मामले में आश्रम में काम करने वाली सेविका कुसुम को हिरासत में लिया गया. उसने बताया कि वह मूल रूप से इंदौर की रहने वाली है और उसके संपर्क में महेंद्र सिंह पिता देवी सिंह पवार निवासी सर्वहारा नगर इंदौर और फेजल पिता शकील खान निवासी अजय बाग कॉलोनी इंदौर आए. दोनों के माध्यम से उसने चोरी की वारदात को अंजाम दिलवाया. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है.


 

मोबाइल से खुल गया पूरा राज

 

दोनों आरोपी चोरी की वारदात के दौरान एक मोबाइल फोन भी चुरा कर ले गए थे. चोरी के मोबाइल से पुलिस ने दोनों आरोपियों को खोज निकाला. सेविका कुसुम को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से चोरी गया 22 लाख का माल भी बरामद किया है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आश्रम से चोरी गए कुछ माल की रिपोर्ट आश्रम संचालिका दर्ज नहीं कराई थी. बावजूद इसके पुलिस ने पूरा माल बरामद कर लिया.

 

इंदौर की जेल में हुई थी दोनों बदमाशों की दोस्ती

 

पुलिस ने बताया कि महेंद्र पवार और फैजल का पुराना अपराधी रिकॉर्ड है. दोनों ही जेल में बंद रह चुके हैं. दोनों ही आरोपी की जेल में पहचान हुई थी जिसके बाद उन्होंने चोरी की वारदात को अंजाम देने का प्लान बनाया. इसके बाद दोनों ने जेल से बाहर आकर चोरी की वारदातें करना शुरू कर दी. दोनों का ही अपराधी की रिकॉर्ड मिलने के बाद पुलिस और भी वारदातों के बारे में पूछताछ कर रही है.