Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में 75वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव (Mohan Yadav) ने उज्जैन (Ujjain) में ध्वजारोहण किया, जबकि राजधानी भोपाल (Bhopal)  में राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Mangubhai Patel) ने झंडा फहराया. उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेन्द्र शुक्ल ने रीवा में ध्वजारोहण किया. इसके अलावा प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने अलग-अलग जिले में ध्वजारोहण किया. विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र तोमर ने मुरैना में ध्वजारोहण किया. नर्मदापुरम में परिवहन मंत्री राव उदयप्रताप सिंह, नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय इंदौर के कार्यक्रम में शामिल हुए. 


प्रदेश सरकार के मंत्रियों में डॉ. कुंवर विजय ने खंडवा, कैलाश विजवर्यीय इंदौर, प्रहलाद सिंह पटेल नरसिंहपुर, राकेश सिंह जबलपुर, करण सिंह वर्मा सीहोर, उदयप्रताप सिंह नर्मदापुरम, सम्पतिया उईके मंडला, तुलसीराम सिलावट देवास, एदल सिंह कंसाना श्योपुर, निर्मला भूरिया झाबुआ, गोविंद सिंह राजपूत सागर, विश्वास सारंग विदिशा, नारायण सिंह कुशवाह ग्वालियर, नागर सिंह चौहान अलीराजपुर, प्रद्युम्न सिंह तोमर गुना, राकेश शुक्ला भिंड, चैतन्य कश्यप रतलाम और इंदर सिंह परमार ने शाजापुर में ध्वजारोहण किया. 


पूर्व सीएम शिवराज ने दी बधाई


वहीं पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ट्वीट कर बधाई देते हुए लिखा कि 'राष्ट्र गौरव और सम्मान के महापर्व गणतंत्र दिवस की आपको हार्दिक बधाई. विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत की संस्कृति और सभ्यता ही नहीं, हमारा संविधान भी हमें गर्व की अनुभूति कराता है. गणतंत्र में वास्तविक शक्ति जनता के हाथ में निहित होती है, यही तो गणतंत्र की सच्ची सुन्दरता भी है और शक्ति भी. आइये, सशक्त, समृद्ध और खुशहाल भारत के नवनिर्माण के लिए अपने नागरिक कर्तव्यों के पालन का संकल्प और दूसरों को भी जागरुक करें. हम सबके प्रयास से ही महान राष्ट्र के निर्माण का सपना साकार होगा. जय हिन्द.' 


कमलनाथ ने दी बधाई


75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी बधाई दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि सभी प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. गणतंत्र दिवस हमें अपने संवैधानिक मूल्यों की याद दिलाता है. हमें इस बात को भी ध्यान करना चाहिए कि 15 अगस्त 1947 को भारत देश स्वतंत्र हो गया था और यहां लोकतंत्र स्थापित हो गया था, उसके बाद भी हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू कर भारत को गणराज्य बनाया. गणराज्य इस बात की गारंटी देता है कि सिर्फ बहुमत के बल पर कोई बात सही साबित नहीं की जा सकती या देश पर लागू नहीं की जा सकती. उस बहुमत का संविधानसम्मत होना अति आवश्यक है.' 


'हमारे संविधान को बनाने में इन लोगों का महत्वपूर्ण योगदान है'


कमलनाथ ने आगे कहा कि 'इस तरह संविधान समाज के बहुसंख्यक, अल्पसंख्यक, भाषाई अल्पसंख्यक, अन्य पिछड़ा वर्ग, दलित, आदिवासी, महिला, बच्चे यहां तक कि समस्त प्राणियों को उनके अधिकार देने की घोषणा करता है, भले ही उनके पास वोट की शक्ति कम या अधिक हो. हमारे संविधान को बनाने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के महान संघर्ष, पंडित जवाहरलाल नेहरू की लोकतांत्रिक दृष्टि, बाबा साहेब अंबेडकर की अद्वितीय विधिक ज्ञान और भारत के करोड़ों नागरिकों की एक नया भारत बनाने की चेतना का महत्वपूर्ण योगदान है. आइये हम सब संकल्प लें कि हम किसी भी राग या द्वेष, सुख या दुख, सत्ता या वनवास के क्षण में संवैधानिक मूल्य को नहीं भूलेंगे और वंचित से वंचित व्यक्ति को उसका अधिकार दिलाने के संघर्ष में सदैव जुड़े रहेंगे.'



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