Sehore: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के सानिध्य में इस वर्ष भी सभी की सुख-समृद्धि की कामना और धर्म को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सात दिवसीय भव्य रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. इस अवसर पर बड़ी संख्या में विठलेश सेवा समिति के सदस्य और श्रद्धालु शामिल थे.
महाशिवरात्रि पर लगेगा मेला
उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आगामी 28 फरवरी से मंदिर के विशाल परिसर में होने वाले भव्य रुद्राक्ष महोत्सव एंव शिव महापुराण कथा के दौरान श्रद्धालुओं को सात दिवस के अंदर 11 लाख से अधिक अभिमंत्रित रुद्राक्षों का वितरण किया जाएगा. सात दिवस तक चलने वाले आयोजन को लेकर मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के रहने आदि की व्यवस्था का क्रम चल रहा है. आयोजन में आधा दर्जन प्रदेशों के कलाकारों की टीम फाग उत्सव आदि की जाएगी. इसके अलावा महोत्सव में सैकड़ों की संख्या में सेवादार और रसोइए अपनी सेवा शुभारंभ से समापन तक देंगे.
लगातार दूसरी बार होगा एतिहासिक कार्यक्रम
भागवत भूषण प्रदीप मिश्रा ने कहा कि एक मुखी से लेकर 14 मुखी रुद्राक्ष के बारे में शिव महापुराण के दौरान बताया उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है. रुद्राक्ष यानी रुद्र का अक्ष यानी आंसू कहा जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है. माना जाता है कि रुद्राक्ष इंसान को हर तरह की हानिकारक ऊर्जा से बचाता है. इसका इस्तेमाल सिर्फ तपस्वियों के लिए ही नहीं, बल्कि सांसारिक जीवन में रह रहे लोगों के लिए भी किया जाता है.
रुद्राक्ष के क्या फायदे हैं?
रुद्राक्ष के ऐसे तो कई फायदे हैं. लेकिन रुद्राक्ष को लेकर यह भी धारणा है कि मंत्र जाप और ग्रहों को नियंत्रित करने के लिए रुद्राक्ष को सबसे उत्तम बताया गया है. बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि रुद्राक्ष को धारण कर हम शनि दोष को दूर किया जा सकता है. रुद्राक्ष के कुछ खास उपाय से कुंडली में मौजूद शनि के अशुभ योग भी खत्म हो जाते हैं. रुद्राक्ष में वो शक्ति है जो अपने धारक को हर तरह की परेशानी से लडऩे की क्षमता देता है और उनको दूर करता है.
वहीं आगामी 28 फरवरी से होने वाले भव्य रुद्राक्ष महोत्सव का लेकर तैयारियां जारी है. महोत्सव के लिए व्यासगादी आदि की व्यवस्था. इसके अलावा विशाल डोम पंडाल सहित आकर्षक साज सज्जा की जा रही है. यहां पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं के रहने आने की व्यवस्था निशुल्क की जाएगी.
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