MP Assembly Election: जबलपुर.मध्यप्रदेश के विंध्य इलाके में 67 दिन बाद एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मेगा इवेंट होने जा रहा है.एक जुलाई को पीएम मोदी शहडोल में आदिवासियों में फैली सिकल सेल एनीमिया मिशन और आयुष्मान भारत योजना से जुड़े कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.इसके अलावा उनका आदिवासी समुदाय के लोगों से संवाद का कार्यक्रम भी है.हालांकि,लगातार हो रही बारिश से पीएम के प्रोग्राम पर एक बार फिर खतरे के बादल मंडरा रहे है. 


यहां बताते चले कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 1 जुलाई को शहडोल आयेंगे और दोपहर 3 बजे से लालपुर और पकरिया में होने वाले कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे.पिछले दिनों यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने  दी थी.जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर लालपुर मैदान में 27 जून को बारिश के कारण कैंसल प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की सभा अब एक जुलाई को होने जा रही है.इसमें एक लाख से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है.यहां प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए गए जा रहे है.पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक लालपुर में सभा को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री पकरिया गांव के जल्दी टोला में आदिवासियों के बीच कुछ पल बिताने वाले है. 


यहां बताते चले कि इसके पहले 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विंध्य इलाके के प्रमुख नगर रीवा में पंचायती राज दिवस कार्यक्रम में शामिल होंने पहुंचे थे.इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी देश की सभी ग्राम सभाओं और पंचायती राज संस्थाओं को संबोधित किया था.पीएम मोदी ने पीएमआवास योजना के 4 लाख 11 हजार हितग्राहियों को वर्चुअल गृह प्रवेश भी कराया था. 


अब बात करते है कि विंध्य इलाके में 67 दिन के अंतराल में सिर्फ पौने दो सौ किलोमीटर की दूरी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो पब्लिक रैलियों की असल वजह क्या है?दरअसल,एबीपी न्यूज़ और सी वोटर के ओपिनियन पोल में भी बीजेपी बघेलखण्ड (विंध्य और बुंदेलखंड) इलाके से पिछड़ती दिख रही है.यहां की 56 सीटों में से 30 से 34 सीटें कांग्रेस को तो 21 से 25 सीटें बीजेपी को जाती दिख रही है.वोट शेयर में भी 4 प्रतिशत का फायदा कांग्रेस को हो रहा है.कांग्रेस को 44 प्रतिशत और बीजेपी को 40 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है. 


इसी तरह सतना जिले की मैहर सीट से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी
पार्टी के लिए सिरदर्द बने हुए है.उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाने के साथ विंध्य की सभी 30 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है.इसका सीधा असर बीजेपी के वोटों पर पड़ेगा.रीवा,सतना,सीधी,सिंगरौली, शहडोल,अनूपपुर और उमरिया जिले में भाजपा के कब्जे वाली सीटों पर नारायण त्रिपाठी की पार्टी से पड़ने से नुकसान से इनकार नहीं किया जा सकता है. 


वरिष्ठ पत्रकार रविन्द्र दुबे कहते है कि 2018 के चुनाव में सवर्ण मतदाताओं की नाराजगी के बावजूद विंध्य की 30 में से 27 सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी.इस बार बीजेपी के सामने अपने इस प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती है.दुबे बताते है कि विंध्य इलाके में सरकार को लेकर नाराजगी की खबरें भी है.इसी वजह से 'डबल इंजन सरकार' फार्मूले के तहत बीजेपी विंध्य इलाके में बार-बार पीएम मोदी के चेहरे को आगे कर रही है.


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