ABP Cvoter Opinion Poll: शिवराज, कमलनाथ और सिंधिया...क्या अपने गढ़ को बचा पाएंगे ये दिग्गज? सर्वे में साफ हुई तस्वीर
ABP Cvoter MP Opinion Polls: एबीपी न्यूज़ सीवोटर के सर्वे में मध्य प्रदेश में कांग्रेस बीजेपी से ज्यादा सीटें जीतती दिखाई दे रही है. सवाल ये है कि क्या एमपी के दिग्गज नेता अपना गढ़ बचा पाएंगे या नहीं.
ABP Cvoter Opinion Polls: मध्य प्रदेश के चुनाव में कई दिग्गजों की साख दाव पर लगी हुई है. राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान चुनावी मैदान मे हैं. पूर्व सीएम और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ भी नामांकन दाखिल कर चुके हैं. बीजेपी में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में बीजेपी कैसा प्रदर्शन कर पाती है, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं. ऐसी अटकलें थीं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारा जा सकता है लेकिन ऐसे नहीं हुआ. मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सात सांसदों को उतारा है. ऐसे में ये तीन बड़े नेता अपने-अपने गढ़ में पार्टी को फायदा पहुंचा पाते हैं या नहीं, इसको लेकर एबीपी न्यूज़ के लिए सी वोटर के फाइनल ओपनियिन पोल में दिलचस्प आंकड़ा सामने आया है.
सीएम शिवराज के गढ़ में बीजेपी का हाल?
सबसे पहले बात सीएम शिवराज सिंह चौहान के रीजन की. सीएम शिवराज भोपाल रीजन से आते हैं. ये सीएम के दबदबे वाला इलाका माना जाता है. ओपिनियन पोल के आंकड़ों की मानें तो भोपाल रीजन में बीजेपी बेहतर प्रदर्शन करती दिखाई दे रही है. इस रीजन में 25 विधानसभा सीटें आती हैं. यहां बीजेपी को 48 फीसदी, कांग्रेस को 41 फीसदी और अन्य के खाते में 11 फीसदी वोट शेयर जा सकता है. सीटों के लिहाज से देखा जाए तो कांग्रेस को तीन से सात सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है. बीजेपी को 18 से 22 सीटें मिल सकती हैं. अन्य के खाते में शून्य से एक सीट जा सकती हैं. सीएम शिवराज अपने गढ़ में पार्टी को फायदा पहुंचाते दिख रहे हैं.
कमलनाथ के गढ़ में कांग्रेस की नैया पार?
महाकौशल रीजन को पूर्व सीएम और एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ का इलाका माना जाता है. बीजेपी ने यहां से चार सांसदों को मैदान में है. यहां विधानसभा की कुल 42 सीटें हैं. ओपिनियन पोल के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस को यहां पर 45 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है. बीजेपी को यहां दूसरे नंबर पर रहकर संतोष करना पड़ सकता है और उसके खाते में 41 फीसदी वोटर शेयर जाता दिखाई पड़ रहा है. अन्य को 14 फीसदी वोटर शेयर मिल सकता है. सीटों के लिहाज से देखा जाए तो यहां कांग्रेस के खाते में 22 से 26 सीटें, बीजेपी के खाते में 16 से 20 सीटें और अन्य के खाते में शून्य से एक सीट मिल सकती है. कमलनाथ भी अपने इलाके में कांग्रेस को फायदा पहुंचा सकते हैं.
सिंधिया बचा पाएंगे गढ़?
जहां तक ज्योतिरादित्य सिंधिया के चंबल रीजन का सवाल है, यहां पर बीजेपी को चिंता का सामना करना पड़ सकता है. चंबल रीजन से ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी आते हैं. इस रीजन में विधानसभा की 34 सीटें आती हैं. वो भी चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं. ओपनियन पोल के मुताबिक, चंबल रीजन में कांग्रेस को 47 फीसदी, बीजेपी को 37 फीसदी तो वहीं अन्य को 16 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है. अगर इसे सीटों के लिहाज से देखा जाए तो कांग्रेस को 26 से 30, बीजेपी को चार से आठ और अन्य को शून्य से दो सीटें मिल सकती हैं. यानी ओपिनियन पोल के आंकड़ों में सिंधिया के गढ़ में बीजेपी को नुकसाना झेलना पड़ सकता है.
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