MP Assembly Election 2023: अपने गढ़ महाकौशल में एक बार फिर कांग्रेसी दिग्गज कमलनाथ शानदार प्रदर्शन करते दिख रहे हैं. साल 2018 के चुनाव की तरह इस इलाके में कमलनाथ का जादू बरकरार है. एबीपी न्यूज़ और सी वोटर के ओपिनियन पोल में महाकौशल में कांग्रेस फिर से बढ़त लेती नजर आ रही है. ओपिनियन पोल के मुताबिक महाकौशल में कांग्रेस और बीजेपी के बीच वोटों का अंतर भी तीन प्रतिशत का है,जो मध्य प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता की चाबी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है.
सबसे पहले, पूरे मध्य प्रदेश की बात की जाए तो एबीपी न्यूज़ और सी वोटर के ओपिनियन पोल के अनुसार 2023 के चुनाव में कांग्रेस सत्ता में वापस आती दिख रही है. इस ओपिनियन पोल में कांग्रेस को 118 से 130 सीटें मिलती दिख रही है.वहीं,बीजेपी 99 से 111 सीटों पर सिमटती दिख रही है.बीएसपी समाजवादी पार्टी, आप और निर्दलीयों को सिर्फ शून्य से दो सीटें मिल सकती हैं.सीधे मुकाबले में कांग्रेस को 44% और बीजेपी को 42% वोट मिलते नजर आ रहे हैं. 14% वोट अन्य के खाते में जा रहे हैं.
छिंदवाड़ा जिले की सभी सीटें जीत ली थी कांग्रेस
यहां बताते चले कि इस चुनाव में कांग्रेस का सीएम फेस और पीसीसी चीफ कमलनाथ सूबे के महाकौशल इलाके के छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ रहे हैं. दरअसल,पिछले 40 सालों से छिंदवाड़ा जिले की चुनावी राजनीति में कमलनाथ का एक छत्र राज रहा है. साल 2018 के चुनाव में भी कमलनाथ मैजिक के चलते कांग्रेस ने छिंदवाड़ा जिले की सभी 7 सीटें जीत ली थी. एबीपी न्यूज़ और सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक महाकौशल क्षेत्र की 42 सीटों में से कांग्रेस को 22 से 26 सीटें मिल सकती है. इसी तरह बीजेपी के खाते में 16 से 20 सीटें जाती दिख रही है. शून्य से एक सीट अन्य को मिल सकती है.
हमेशा ही चौकाने वाले रहे हैं परिणाम
वैसे, महाकौशल में जबलपुर संभाग के आठ जिले जबलपुर, छिंदवाड़ा, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, मंडला, डिंडोरी और बालाघाट आते हैं. इन आठ जिलों में 38 विधानसभा सीटें है. यहां के परिणाम हमेशा ही चौकाने वाले रहे हैं. साल 2018 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को महाकौशल इलाके से निराशा हाथ लगी थी. इसकी बड़ी वजह आदिवासियों की नाराजगी मानी गईं थी. कांग्रेस ने कमलनाथ को सीएम का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा था.
साल 2018 में महाकौशल के आठ जिलों में ये था रिजल्ट
इससे उनके गृह जिले छिंदवाड़ा की सभी 7 सीटें कांग्रेस ने जीत ली थीं. इसी तरह महाकौशल के एपिसेंटर जबलपुर जिले में भी कांग्रेस को 8 में से 4 सीट मिली थी. साल 2018 में महाकौशल के आठ जिलों की कुल 38 विधानसभा सीटों में से 24 कांग्रेस के खाते में गई थी, जबकि बीजेपी को सिर्फ 13 सीट पर संतोष करना पड़ा. एक सीट निर्दलीय ने जीती थी. वहीं 2013 के चुनाव में बीजेपी ने 24 और कांग्रेस ने 13 सीट जीती थी. उस बार भी एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी.
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