(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ABP News Cvoter Survey: कमलनाथ से कैसे मात खा गए सिंधिया, सर्वे में आई हैरान करने वाली तस्वीर
Madhya Pradesh Election 2023: सर्वे में शामिल 37 फीसदी लोगों ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को और 36 फीसदी लोगों ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी पसंद बताया.
ABP News Survey: मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. राजनीतिक दलों ने अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है. सत्ताधारी बीजेपी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सरकार की उपलब्धियों के आधार पर वोट मांगेगा, वहीं विपक्ष उनकी नाकामियां गिनाकर जनता को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेगा. इससे पहले एबीपी और सी वोटर ने एक चुनावी सर्वेक्षण कराया है. इसके नतीजे चौकाने वाले हैं. आइए जानते हैं कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कराए गए इस सबसे बड़े ओपिनियन पोल में लोगों से पूछा क्या गया था और उनके जवाब क्या रहें.
किसके पक्ष में रहे सर्वे के नतीजे
एबीपी न्यूज़ और सी वोटर के इस सर्वे में लोगों से पूछा गया कि मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए कौन सा नेता पसंद है. उन्हें सीएम शिवराज सिंह चौहान, पूर्व सीएम कमलनाथ, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का विकल्प दिया गया था. इस सवाल के जवाब में 37 फीसदी लोगों ने सीएम पद के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपनी पसंद बताया. वहीं 36 फीसदी लोगों ने इस पद के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपनी पसंद बताया. वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को केवल 12 फीसदी लोगों ने ने ही सीएम पद पर अपना पसंदीदा चेहरा बताया. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को केवल एक फीसदी लोग ही मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. अन्य नेताओं के पक्ष में 14 फीसदी लोगों ने राय दी.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव
इस सर्वेक्षण के नतीजे चौकाने वाले हैं. मध्य प्रदेश में बीजेपी जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सत्ता बचाने की लड़ाई लड़ रही है. वहीं कांग्रेस अपने प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने की लड़ाई लड़ रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के लिए इन दोनों नेताओं में कांटे की लड़ाई है. दोनों नेताओं को पसंद करने वाले लोगों के बीच केवल एक फीसदी का फासला है. दोनों नेताओं में कांटे की टक्कर चुनाव से 4-5 महीने पहले है.
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