Indore: लड़कियों को पीटने, उलटा लटकाने, मिर्च का धुआं देने का आरोप, वात्सल्यपुरम बाल आश्रम के केयरटेकर पर मामला दर्ज
MP News: इंदौर के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया वात्सल्यपुरम बाल आश्रम के स्टाफ मेंबर द्वारा बच्चियों के साथ दुर्व्यवहार और प्रताड़ित करने के आरोप में केयरटेकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में गड़बड़ियों के चलते सील ‘वात्सल्यपुरम’ बाल आश्रम के मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. अब इस मामले में बच्चियों को प्रताड़ित करने के लिए बाल गृह के केयरटेकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. केयरटेकर पर लड़कियों की बेरहमी से पिटाई करने, उलटा लटकाने, मिर्च का धुआं देने और चिमटे से दागने का आरोप है.
इंदौर क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि वात्सल्यपुरम बाल आश्रम के स्टाफ मेंबर द्वारा बच्चियों के साथ दुर्व्यवहार और प्रताड़ित करने के आरोप में केयरटेकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. आश्रम की सभी बच्चियों को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया, जहां उन्होंने बयान दिया कि उन्हें प्रताड़ित किया जाता था. इस रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
#WATCH | Madhya Pradesh: Rajesh Dandotiya, Additional DCP, Crime Branch, Indore says, "A case has been filed against the caretaker of Vatsalyapuram Bal Ashram over the allegations of abuse and torture by staff members. All the children were produced before the Child Welfare… pic.twitter.com/raAsckwDGE
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) January 20, 2024
क्या है पूरा मामला?
इंदौर के डीएम आशीष सिंह का कहना है कि वात्सल्यपुरम बाल आश्रम पर कार्रवाई के बाद हुई जांच और बच्चों के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे जांच जारी है. पीटीआई के मुताबिक 12 जनवरी की शाम को जिला प्रशासन और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने विजय नगर क्षेत्र में मौजूद एक बाल गृह का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे. निरीक्षण के दौरान पता चला कि संबंधित बाल गृह बिना अनुमति चलाया जा रहा था.
इसके बाद अधिकारियों द्वारा इस बाल गृह को सील कर दिया गया. अधिकारियों को जांच के दौरान पता चला कि इस बाल गृह में 25 लड़कियां पंजीकृत हैं. इन सभी बच्चियों की उम्र 12 साल से कम है. इनमें से पांच लड़कियां अनाथ हैं. जांच अधिकारियों को इस बाल गृह के कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं मिले, सुरक्षा दस्तावेजों में कई कमियां पाई गईं. मौके पर कोई विश्वसनीय जिम्मेदार व्यक्ति नहीं मिला. बच्चियों को बाल गृह से हटाकर उसे सील कर दिया, उसके बाद प्रशासन ने सभी बच्चियों को सरकारी बाल गृह में भेज दिया था.