Adipurush Controversy: इंदौर में कांग्रेस नेताओं ने जलाए मनोज मंतशिर के पुतले, बीजेपी पर लगाया नजरअंदाजी का आरोप, कहा- 'श्रीराम केवल वोट का माध्यम'
Adipurush Protest: कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी नेता और सेंसर बोर्ड आंखें बंद करके सो रहे हैं. इससे साफ जाहिर है कि बीजेपी के लिए प्रभु राम केवल वोट पाने का माध्यम हैं.
Adipurush Controversy: 'हिंदुओं के सम्मान में कांग्रेस मैदान में...' इस तरह का नारा आजकल मध्य प्रदेश में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता देते नजर आ रहे हैं. दरअसल, फिल्म आदिपुरुष को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. इसी क्रम में इंदौर के कांग्रेस नेताओं ने स्क्रिप्ट लिखने वाले मनोज मुंतशिर का पुतला दहन किया है. कांग्रेस नेताओं ने इस मौके पर कहा कि हम मध्य प्रदेश सरकार को 3 दिन का समय दे रहे हैं इस फिल्म को मध्यप्रदेश में बैन किया जाए अन्यथा कांग्रेश उग्र आंदोलन करेगी जिसका जिम्मेदार मध्यप्रदेश सरकार होगी.
इंदौर कांग्रेस प्रवक्ता विवेक खंडेलवाल, अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष रमेश घाटे और सूचना अधिकार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष गिरीश जोशी के नेतृत्व में हाल ही में फिल्म आदिपुरुष को लेकर विरोध जताया गया. नेताओं का कहना है कि पूरी दुनिया के आराध्य देव श्रीराम, भगवान हनुमान, लक्ष्मण जी और माता सीता की छवि को खराब करने का काम मनोज शुक्ला ने किया है. फिल्म में भी सड़क छाप संवाद लिखे गए हैं और पूरी रामायण को बदलने का सुनियोजित संयंत्र किया गया है.
'सेंसर बोर्ड और हिंदूवादी संगठन सो रहे हैं'
कांग्रेस ने कहा कि फिल्म में सड़कछाप डायलॉग लिखे गए हैं. इसका युवा पीढ़ी पर नकारात्मक प्रभाव हो रहा है. भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता और सेंसर बोर्ड सहित कई हिंदूवादी संगठन आंखें बंद करके इस वक्त सो रहे हैं. इससे साफ जाहिर हो रहा है कि बीजेपी के लिए प्रभु राम केवल वोट पाने का माध्यम हैं.
कांग्रेस ने इंदौर में लेखक मनोज मुंतशिर का पुतला जलाया और 'हिंदुओं के सम्मान में कांग्रेस मैदान में' के नारे भी लगाए. कांग्रेसियों ने कहा कि इस फिल्म को हम किसी भी कीमत पर चलने नहीं देंगे. इतना ही नहीं, कांग्रेसियों ने 'जय जय सियाराम' के नारे भी लगाए कांग्रेसियों ने मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार को चेतावनी दी है कि फिल्म को 3 दिनों में बैन करने का फैसला लिया जाए, अन्यथा कांग्रेस सख्त कदम उठाएगी और इसकी जिम्मेदार मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार होगी.