Bhopal News: इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 200 से अधिक नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर दी है. जिसके बाद मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में हड़कंप मच गया. लगातार मिल रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए पांच दिन पहले ही नर्सिंग काउंसलिंग यूनिवर्सिटी ने 2021-2022 मैं मध्य प्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा अनुमति नहीं होने के बाद भी एडमिशन के लिए विद्यार्थियों से दस्तावेज जमा कराने के साथ ही उनसे फीस भी ले ली थी इसके साथ ही विद्यार्थियों से फीस भी ले ली थी.
लेकिन अब 200 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द होने के बाद विद्यार्थी फीस को लेकर परेशान होते नजर आ रहे हैं. मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसलिंग का आदेश जारी करते हुए इन कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों के दस्तावेज वापस करने के निर्देश दिए गए हैं. इस आदेश में कुछ भी जिक्र नहीं किया गया है कि सत्र 2021-22 में एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई का क्या होगा और उनके द्वारा जमा की गई फीस वापस की जाएगी या नहीं.
आंदोलन की ओर रुख करने का फैसला
गौरतलब है कि भोपाल में ही 700 से अधिक विद्यार्थी की फीस रोकने का मामला सामने आया है. जबकि पूरे राज्य में 3000 से ज्यादा विद्यार्थी हैं,इन विद्यार्थियों में से किसी ने 10000 तो किसी ने ₹30000 तक फीस जमा कर दी थी. लेकिन यह विद्यार्थी फीस को लेकर परेशान है. विद्यार्थी रवि परमार का कहना है कि नर्सिंग काउंसिलिंग ने अभी तक सिर्फ दस्तावेजों को लेकर आदेश जारी किया है. लेकिन जमीनी स्तर पर हम न तो विद्यार्थियों की मदद कर रहे हैं, ना ही दस्तावेज मिल रहे हैं और ना ही नर्सिंग कॉलेजों द्वारा जमा की गई फीस वापस दे रहे हैं. हम विद्यार्थी बहुत परेशान हैं, अब हमने आंदोलन की ओर रुख करने का फैसला किया है. जल्द ही हम भोपाल की सड़कों पर आंदोलन करेंगे. मानसी महेश दुर्गेश ने बताया कि हमने मैको कॉलेज और राजदीप कॉलेज में दस हजार रुपये फीस जमा किए थे, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने न तो फीस का भुगतान किया और न ही दस्तावेज वापस किए. हम ना इधर के रहे ना उधर के रहे.
इस पूरे मामले को लेकर हमने मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिलिंग के प्रशासक डॉ. योगेश शर्मा से चर्चा की. उन्होंने बताया कि विद्यार्थी का कोई भी दस्तावेज रखने का अधिकार किसी को नहीं है. लेकिन फीस के मामले में हमें देखना होगा कि यह अधिकार है या नहीं. इस मामले में एक-दो दिन में फैसला ले लेंगे.
यह था मामला
पूरा मामला यह है कि इंडियन नर्सिंग काउंसलिंग से पहले मध्य प्रदेश रजिस्टर काउंसिलिंग ने इन कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर दी थी. जांच में पाया गया कि ये सभी कॉलेज फर्जी डिग्री देते हैं और नान फंक्शनल है. इनकी मान्यता धारा 14 (3) बी के तहत वापस ले ली गई है, जिनमें से 57 कॉलेज भोपाल में हैं. जिसमें 60 से 250 सीटें हैं, मान्यता खत्म होने से करीब 20000 विद्यार्थी की डिग्री संकट में है. अभी तक इनको लेकर स्पष्ट नहीं हुआ कि इनके भविष्य क्या होगा.
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