Bhopal News: मध्य प्रदेश में शराब नीति के बाद अब रेत नीति में भी बदलाव की तैयारी है. खनिज विभाग ने नई रेत नीति तैयार की है. इसे सहमति के लिए कैबिनेट के पास भेजा गया है.कैबिनेट से स्वीकृत मिलते ही बरसात के बाद नई रेत नीति लागू हो जाएगी.नई नीति में कई बदलाव किए गए हैं. अब ठेकेदार को ठेके की आधी राशि पहले ही जमा करानी होगी. इसके अलावा विभाग पर्यावरण और उत्खनन की अनुमति लेने के बाद ही खदान को ठेकेदार को सौंपेगा.
खनिज विभाग की ओर से बनाई गई नई रेत नीति के अनुसार अब रेत ठेकेदार को ठेके की आधी राशि पहले ही जमा करना होगी, जबकि पहले 25 प्रतिशत राशि अग्रिम जमा कराई जाती थी.इसके साथ ही अब ठेकेदार मनमाने दामों पर रेत नहीं बेच सकेंगे.इस नई रेत नीति में कीमतों के नियंत्रण के भी प्रयास किए गए हैं.
तीन साल के लिए नीलाम होगी खदान?
नई रेत नीति में रेत खदानों की नीलामी तीन साल के लिए होगी.नई रेत नीति में तहसील स्तर पर समूह बनाकर खदानें नीलाम करने का प्रावधान किया गया है. खनिज विभाग का मानना है कि ऐसे में ज्यादा ठेकेदार खदानें ले सकेंगे, किसी एक पर बोझ नहीं पड़ेगा. इसके साथ ही राजस्व में भी इजाफा होगा.
खनिज विभाग की नई रेत नीति में एक और बदलाव किया गया है.अब तक ठेकेदार द्वारा पर्यावरण और उत्खनन की अनुमति ली जाती,लेकिन अब विभाग ही यह अनुमति लेगा. विभाग का मानना है कि कई ठेकेदार अनुमति नहीं ले पाते और रेत के ठेके की अवधि ही समाप्त हो जाती थी,लेकिन अब ठेकेदार को सभी अनुमति के साथ खदानें सौंपी जाएंगी.
एमपी ने इससे पहले कब बनी थी रेत नीति
बता दें इससे पहले कमलनाथ सरकार ने साल 2019 में रेत नीति बनाई थी.इस रेत नीति से खदानों से मिलने वाले राजस्व में छह गुना वृद्धि हुई थी. जो खदानें ढाई सौ करोड़ में नीलाम होती थीं, वे साल 2019 में 1500 करोड़ रुपये में नीलाम हुई थीं.हालांकि इस रेत नीति की वजह से रेत ठेकेदारों को काफी नुकसान का सामाना करना पड़ा था.रेत ठेकेदार नीलामी की राशि तक नहीं निकाल पाए थे. ऐसे में प्रदेश के 18 जिलों में ठेकेदारों ने समय से पहले ही खदानें छोड़ दी थीं या मासिक किस्त ही जमा नहीं कर सके थे.
ये भी पढ़ें
MP News: CM शिवराज सिंह चौहान ने निर्विरोधी चुनी गई पंचायतों का किया सम्मान, इतने लाख रुपये दिए गए