MP News: राजधानी भोपाल में स्थित वन विहार में रेस्क्यू कर लाए गए शावक अब धीरे-धीरे नार्मल होने लगे हैं. रेस्क्यू के चौथे दिन इन शावकों ने चिकन भी खाया है. वन विहार की टीम लगातार इन शावकों को लेकर मॉनिटरिंग कर रही है. इन शावकों को वन विहार के क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है. बता दें सेंक्चुरी के झिरी में करीब 15 दिन पहले मां बाघिन टी-121 व उसके एक शावक की मौत हो गई थी, जबकि यह दोनों शावक स्वस्थ थे. बाघिन की मौत के बाद ये दोनों शावक अनाथ हो गए थे.
इन शावकों को गुरुवार को रेस्क्यू कर वन विहार लाया गया था. यहां विशेषज्ञों की टीम इन शावकों की मॉनिटरिंग कर रही है.
पहले दिन नहीं किया था भोजन
रेस्क्यू कर लाए गए इन शावकों ने पहले दिन कोई भी भोजन नहीं किया था, जबकि दूसरे दिन शुक्रवार को आधा भोजन किया था. जबकि शनिवार और रविवार को इन शावकों को चिकन दिया गया, जिसे इन्होंने पूरा खा लिया. वन विहार पार्क के असिस्टेंट डायरेक्टर एसके सिन्हा के अनुसार यह शावक अब धीरे-धीरे नार्मल होने लगे हैं, वे अन्य एक्टिविटी भी कर रहे हैं.
क्वारंटाइन सेंटर में हैं शावक
रातापानी सेंचुरी से रेस्क्यू कर लाए गए इन शावकों को वन विहार के नेशनल पार्क में क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है. शुरुआत में यह शावक डरे सहमे थे, लेकिन अब वे मस्ती के मूड में नजर आते दिख रहे हैं. वन विहार के डिप्टी डायरेक्टर एसके सिन्हा के अनुसार इन शावकों को 21 दिन के लिए क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा.
9 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद पकड़े थे शावक
बता दें कि रातापानी सेंचुरी में बाघिन टी-121 की मौत के बाद उसके दो शावकों का सुरक्षित रेस्कयू कर लाना बड़ी चुनौती था. करीब 9 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद दोनों अनाथ शावकों को पकड़ लिया गया था. जिसके बाद इन्हें भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क के क्वारंटाइन में रखा गया है.
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