Agar-Malwa Weather Update: आगर मालवा में गर्मी चरम पर है. रोजाना दोपहर के समय पारा 44 से 47 डिग्री तक पहुंच रहा है. भीषण गर्मी का असर इंसानों के साथ पशु-पक्षियों पर भी पड़ रहा है. पिछले तीन-चार दिनों के अंदर जमुनिया रोड स्थित कमल कुंडी परिसर और मोती सागर तालाब किनारे हरे पेड़ों पर बड़ी संख्या में चमगादड़ों की मौत हो गई. गर्मी की वजह से चमगादड़ों की सांसों की डोर टूट रही है. अचेत होकर जमीन पर गिरने के बाद चमगादड़ों को शवान उठा ले जाते हैं.
पेड़ से पके फल की तरह गिरकर चमगादड़ों की हो रही मौत
कमल कुंडी के आसपास हरे वृक्षों पर वर्षों से चमगादड़ों का कब्जा था. चमगादड़ रात्रि में उड़ते हैं और दिन में उसी पेड़ पर उल्टे लटके रहते है. लेकिन गर्मी के मौसम में रोजाना सैकड़ों चमगादड़ दम तोड़ रहे हैं. पेड़ से फल टपकने की तरह दोपहर के समय चमगादड़ गिर रहे है. वाटर वर्क्स पर तैनात कर्मचारी मृत चमगादड़ों को किसी अन्य स्थान पर ले जाकर दफना देते हैं. मोती सागर तालाब किनारे और कमल कुंडी के आसपास पेड़ों पर बड़ी संख्या में चमगादड़ों का डेरा रहता है और भीषण गर्मी में रोजाना चमगादड़ दम तोड़ रहे हैं. मौसम में गर्मी अधिक होने के कारण पक्षियों को हीट स्ट्रोक से कई बार जान गंवाना पड़ता है.
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सन एवं हीट स्ट्रोक के कारण पेड़ों से गिर रहे हैं चमगादड़
आगर मालवा में चमगादड़ों की मौत पर वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ अरविंद महाजन ने बताया कि गर्मी अधिक होने की वजह से तापमान 45 से 47 डिग्री के बीच पहुंच गया है. चमगादड़ रात में विचरण करने वाले स्तनधारी प्राणी होते हैं. काली त्वचा होने के कारण ज्यादा गर्मी नहीं झेल पाते और सन स्ट्रोक, हीट स्ट्रोक के कारण धूप में पेड़ों से नीचे गिर जाते हैं. कई बार सर में चोट आ जाने और हीट स्ट्रोक के कारण चमगादड़ों की मौत हो जाती है. मौजूदा हालात में भी यही लक्षण दिख रहा है. स्थानीय नागरिक भी अचानक पेड़ों से गिरने वाले चमगादड़ों के हाल देखकर यही कह रहे हैं. इस साल भीषण गर्मी के कारण इस प्रकार के हादसे देखने को मिल रहे हैं.