Akshay Kanti Bam: अक्षय कांति बम और उनके पिता को अग्रिम जमानत, हत्या के प्रयास से जुड़ा मामला
Indore News: इंदौर उच्च न्यायालय ने कांग्रेस से अलग हुए अक्षय कांति बम और उनके पिता को अग्रिम जमानत दे दी है. उन पर हत्या के प्रयास का आरोप है.
Akshay Kanti Bam Grant Bail: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने बुधवार को इंदौर में कथित हत्या के प्रयास के मामले में कांग्रेस से अलग हुए अक्षय कांति बम और उनके पिता को अग्रिम जमानत दे दी. बम ने नामांकन वापसी के अंतिम दिन (29 अप्रैल) इंदौर लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में दौड़ से नाम वापस ले लिया था और इसके तुरंत बाद सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के पांच दिन बाद उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति प्रेम नारायण सिंह ने अक्षय बम और उनके पिता कांतिलाल को अग्रिम जमानत दे दी.
शहर के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) ने 24 अप्रैल को अक्षय और उनके पिता के खिलाफ दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ने का आदेश दिया था. यह एफआईआर 2007 में खजराना निवासी यूनुस पटेल से भूमि विवाद को लेकर हुए हमले के संबंध में दर्ज की गई थी.
इंदौर के सेशन कोर्ट ने 10 मई को अक्षय और उनके पिता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. बचाव पक्ष के वकील अजय मिश्रा ने ABP लाइव को बताया कि उन्होंने मामले में 17 साल की देरी की ओर अदालत का ध्यान आकर्षित किया और तर्क दिया कि अक्षय और उनके पिता की शहर में कई चल और अचल संपत्तियां हैं और यह संभव नहीं है कि वे फरार हो जाएं. उधर यूनुस पटेल के वकील मुकेश देवल ने तर्क दिया कि जेएमएफसी के आदेश के बावजूद, अक्षय और उनके पिता 10 मई को अदालत में पेश नहीं हुए. जिसके बाद दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया.
देवल ने आरोप लगाया कि बम ने 10 मई को एक राज्य मंत्री का जन्मदिन भी मनाया था. पुलिस के अनुसार, 4 अक्टूबर, 2007 को जमीन विवाद को लेकर पटेल पर कथित रूप से हमला करने के लिए अक्षय बम उनके पिता कांतिलाल और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. पटेल ने आरोप लगाया कि इस घटना के दौरान कांतिलाल के कहने पर सुरक्षा एजेंसी के मालिक सतवीर सिंह ने भी उन पर 12 बोर की बंदूक से गोली चलाई थी.
बता दें कि इंदौर में लोकसभा चुनाव से बम के आखिरी समय में नाम वापस लेने के बाद कांग्रेस ने नागरिकों से भाजपा को सबक सिखाने के लिए नोटा बटन दबाने की अपील की थी