Ujjain Crime: जेल विभाग के तीन प्रहरियों पर उज्जैन पुलिस (Ujjain Police) ने दस-दस हजार का इनाम घोषित किया है. तीनों पर 15 करोड़ की सरकारी राशि की हेराफेरी का आरोप है. आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस टीम कई जगह छापामार कार्रवाई कर रही है. 


उज्जैन की केंद्रीय जेल भैरव गढ़ में 50 से ज्यादा कर्मचारियों की जीपीएफ राशि गड़बड़ी करते हुए उनके खातों से निकालने के मामले में पुलिस को तीन जेल कर्मचारियों की तलाश है. तीनों जेल कर्मचारी अपने परिवार के साथ लापता हैं. आरोप है कि उन्होंने खातों में हेराफेरी करते हुए 15 करोड़ की सरकारी राशि का गबन किया है. इस मामले में जेल अधीक्षक उषा राज से भी पुलिस ने पूछताछ की है. 


'आरोपियों के खातों में जमा हुई गबन की रकम'
उज्जैन एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल के मुताबिक फरार जेल कर्मी रिपुदमन रघुवंशी, धर्मेंद्र सिंह और शैलेंद्र सिंह सिकरवार पर दस-दस हजार के इनाम की घोषणा की गई है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई जगह छापे भी मारे गए हैं. आरोपियों के रिश्तेदारों के मोबाइल को भी सर्विलांस पर रखा गया है. पुलिस उनके पैतृक गांव में भी दबिश दे रही है. अभी तक तीनों आरोपियों का कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया है. एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल के मुताबिक जो सरकारी राशि का गबन हुआ है, वह राशि आरोपियों के खातों में जमा हुई है. आरोपियों के खातों को भी होल्ड पर रख दिया गया है. 


'जिनके खातों में राशि गई उनकी खैर नहीं'
पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ला के मुताबिक इस मामले में जेल से लेकर जिला कोषालय कार्यालय तक सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है. सरकारी कर्मचारी के जीपीएफ आवेदन से लेकर उसके खाते से राशि दूसरे खाते में स्थानांतरण होने तक सभी दस्तावेजों को एकत्रित किया जा रहा है. इस मामले में धारा 420 के साथ-साथ 467, 468, 471, 120 बी को भी बढ़ाया गया है. इन धाराओं में आरोप सिद्ध हो जाने पर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है. 


जेल विभाग के कर्मचारी असमंजस में
यह गबन सामने आने के बाद जेल विभाग के तमाम कर्मचारी असमंजस में हैं. उन्हें इस बात का भय सता रहा है कि उनकी जीपीएफ की राशि का क्या होगा? जेल कर्मचारी रामसुमीरन, सुरेश मरमट, राजेश ठाकुर का कहना है कि उनके खाते से बिना किसी आवेदन के राशि निकल गई है. अब उनकी राशि का क्या होगा? इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के साथ-साथ उनकी राशि को लेकर भी सरकार को ठोस निर्णय लेना चाहिए. इसी बीच यदि किसी कर्मचारी को जीपीएफ की राशि की आवश्यकता हुई तो वह अधर में लटक जाएगा.


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