भोपाल: राष्ट्रपति चुनाव (President Election) से पहले मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में तीन विधायक मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए. राजधानी भोपाल में बीजेपी कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) की मौजूदगी में इन विधायकों ने बीजेपी की सदस्यता ली. बीजेपी में शामिल होने वालों में छतरपुर की बिजावर विधानसभा सीट से जीते समाजवादी पार्टी के विधायक राजेश कुमार शुक्ला, भिंड से बीएसपी विधायक संजीव सिंह कुशवाहा और सुसनेस से निर्दलीय विधायक विक्रम सिंह राणा शामिल हैं. इन विधायकों के बीजेपी में शामिल होने की जानकारी प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दी थी.
बीजेपी के विचार से प्रभावित
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विधायकों को पार्टी के चुनाव चिन्ह वाला गमछा पहनाकर और गुलदस्ता भेंट कर बीजेपी में शामिल कराया. इस अवसर पर वीडी शर्मा ने कहा कि जो विधायक आज पार्टी में शामिल हुए हैं, वो कृतित्व और व्यक्तित्व से बीजेपी की नीतियों और विचार से पहले ही प्रभावित थे. उन्होंने कहा कि विधायक संजीव के पिता जी तो पहले ही बीजेपी के सांसद रहे है, विधायक राजेश को भी वो पहले से जानते हैं.
बीजेपी में शामिल होने वाले विधायकों ने क्या कहा
वहीं बीजेपी में शामिल होने पर बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाहा ने कहा कि उन्हें बीजेपी में शामिल होने पर गर्व और खुशी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की राष्ट्र निर्माण और प्रदेश निर्माण के काम में शामिल होकर वह भी अब मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं.
वहीं सपा के राजेश कुमार शुक्ला ने कहा कि 2018 में सोचा था कि बीजेपी से चुनाव लड़ूंगा लेकिन रह गया, जिस समय से राज्यसभा का चुनाव हुआ तब से बीजेपी के संरक्षण में काम कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए बीजेपी सरकार से अच्छी कोई सरकार नहीं है. निर्दलीय विधायक विक्रम सिंह राणा ने कहा कि वह 2018 में निर्दलीय जीतने के बाद बीजेपी के साथ मिलकर ही काम करना चाहते थे.
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2018 में यह रहा था समीकरण
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने एक और बसपा ने 2 दो सीटों पर जीत दर्ज की थी. प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से बीजेपी ने 109 और कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद से सपा-बसपा के समर्थन से कमलनाथ ने प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनाई थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कई विधायकों के बीजेपी में चले जाने से उनकी सरकार गिर गई थी. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार प्रदेश की सत्ता संभाली.
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