Madhya Pradesh News: नर्मदा के उदगम स्थल अमरकंटक (Amarkantak) के विकास के लिए मध्य प्रदेश सरकार (Shivraj Singh Chouhan government) ने बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रखी हैं, लेकिन हकीकत इससे अलग है. पवित्र नगरी के प्रति शिवराज सरकार की इस उपेक्षा से पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Former CM Uma Bharti) भी दुखी हैं. उन्होंने कबीर चबूतरा में 6 माह से लाइट न होने का मुद्दा उठाया है. इस तरह से उन्होंने अपनी ही पार्टी को लपेटे में ले लिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की एक छोटी सभा में जितना खर्च होता है, उससे भी कम सरकारी खर्चें में यहां बिजली के तार ठीक हो जाएंगे.
दरअसल, उमा भारती इन दिनों अमरकंटक में हैं. मंगलवार को वे अचानक अमरकंटक के कबीर चौरा पहुंच गईं. कबीर चौरा की देखभाल करने वाले एक साधु ने उन्हें बताया कि यहां छह माह से लाइट नहीं है. यह सुनकर वो दुखी हो गईं. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए सरकार को खरी-खोटी सुना दी.
क्या कहा उमा भारती ने
बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा,''मैं अभी अमरकंटक में ही हूं. आज सवेरे (मंगलवार) अचानक मैं संत कबीर चौरा पहुंच गई, जहां संत कबीर ने बहुत समय तक निवास और तप किया था. उस स्थान की देखरेख करने वाले एक संत ने मुझे बताया कि वहां 6 महीने से लाइट ही नहीं हैं. संत कबीर चौरा अंतरराष्ट्रीय स्तर का सम्मान प्राप्त स्थान है. हम बीजेपी के लोग संत कबीर जी का नाम लेते हैं. इधर की सड़कें बहुत चौड़ी और अच्छी हैं लेकिन 6 महीने से यहां लाइट नहीं हैं.
उमा भारती ने आगे कहा, मैंने समस्या को गहराई से सुना और समझा है. बहुत खर्च नहीं हैं, थोड़ा सा काम हैं, बस ध्यान देना जरूरी था. हम बीजेपी की एक छोटी सभा में जितना खर्च करते हैं उससे भी कम सरकारी खर्चें में यह बिजली के तार ठीक हो जायेंगे. मैंने तुरंत बिजली विभाग को इस घोर पापपूर्ण लापरवाही की सूचना दी है. यह स्थान आधा मध्य प्रदेश और आधा छत्तीसगढ़ में हैं, लेकिन बिजली व्यवस्था पूरी मध्य प्रदेश की है. देखते हैं क्या होता है. आपको दोबारा फिर बताऊंगी."
सरकार को कर रहीं असहज
माना जा रहा है कि उमा भारती सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति से शिवराज सरकार को लगातार असहज स्थिति में डाल रही हैं. शराबबंदी की अपनी मांग के साथ वे सरकारी योजनाओं और नीतियों की भी पोल खोल रही हैं. वरिष्ठ पत्रकार रविन्द्र दुबे मानते हैं कि बीजेपी दिग्गज उमा भारती पार्टी से जो चाहती हैं उसका अश्वासन उन्हें अभी तक नहीं मिला है. यही वजह है कि वे अपने बयानों से सरकार और पार्टी दोनों को कटघरे में खड़ा करने से नहीं चूक रही हैं. उनका एजेंडा सामाजिक मुद्दे से राजनीतिक लक्ष्य हासिल करने का है.
बिलासपुर के रास्ते में अमरकंटक से 5 किलोमीटर दूर कबीर चबूतरा है. लोक मान्यता है कि यहां संत कबीर दास ने आत्मज्ञान और उद्धार प्राप्त किया था, तब से यह दुनिया भर के तीर्थयात्रियों के लिए एक पूज्यनीय स्थल बन गया है. माना जाता है कि यहां संत कबीर ध्यान का अभ्यास करते थे. एक छोटी सी झोपड़ी भी है, जहां यह माना जाता है कि वे रहते थे.