MP Politics: मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर बुधवार (10 जुलाई) को उपचुनाव होने जा रहा है, इसके नतीजे 13 जुलाई को घोषित किए जाएंगे. वैसे तो यह एक विधानसभा सीट के लिए उप चुनाव है लेकिन यह चुनाव राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है.


यह सीट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा के तहत आता है. इस सीट पर कांग्रेस विधायक रहे कमलेश शाह के पाला बदल के बाद सीट खाली हो गई थी, जहां  उपचुनाव हो रहा है. बीजेपी ने कमलेश शाह को इस सीट से उतार दिया है. वहीं कांग्रेस ने धीरेन शाह को उम्मीदवार बनाया है. यह एक आरक्षित सीट है. 


बीजेपी और कांग्रेस के लिए कैसे बना प्रतिष्ठा का सवाल ?


बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ा को छिन लिया. इस सीट पर बीजेपी की जीत कांग्रेस के लिए एक झटके के समान थी. हालांकि बीते साल हुए विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा में सेंध लगाने में बीजेपी सफल नहीं हो पाई. बीजेपी ने राज्य की 164 सीटों पर जीत दर्ज की थी. यह पार्टी की बंपर जीत थी लेकिन छिंदवाड़ा के तहत आने वाली सभी सात सीटों पर कांग्रेस ने ही जीत दर्ज कर थी.


सातों सीटें कांग्रेस के पास


छिंदवाड़ा लोकसभा सीट में 7 विधानसभाएं हैं जिनमें जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, चौराई, सौसर, छिंदवाड़ा, परासिया, पंधुमा शामिल हैं. ये सभी विधानसभाएं फिलहाल कांग्रेस के पास हैं. अमरवाड़ा में कांग्रेस विधायक के बीजेपी में शामिल हो जाने की वजह से उपचुनाव हो रहा है. 


इस सीट पर सूखे को खत्म करना चाहती है बीजेपी?


इस चुनाव में दोनों ही पार्टियों ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी की तरफ से खुद सीएम मोहन यादव ने प्रचार की कमान संभाल ली है वहीं कमलनाथ समेत पूरी कांग्रेस पार्टी छिंदवाड़ा  लोकसभा चुनाव में हार का बदला लेने और इस सीट पर जीत पाने में किसी तरह की कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. कांग्रेस, छिंदवाड़ा लोकसभा चुनाव में हार का बदला लेने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है. वहीं बीजेपी 2008 के बाद से हुए सूखे को खत्म करना चाहती है. 


विकास को लेकर कमलनाथ का दावा


बीते दिनों कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि किस तरह उन्होंने पिछड़े हुए इस अंचल को विकास के नए पंख दिए वहीं सोमवार को एक चुनावी रैली में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी कमलनाथ द्वारा किए गए विकास कार्यों की तारीफ करते हुए जनता से भावुक अपील की है. वहीं इस दावे को सीएम मोहन यादव ने खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस के यहां विकास के वादे खोखले हैं, जमीनी धरातल पर छिंदवाड़ा में वह विकास नहीं हुआ है जिसका दावा कांग्रेस करती है.


मंत्रिमंडल में फिर होगा विस्तार? 


मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार में 30 मंत्री थे लेकिन रामनिवास रावत के शपथ लेने के बाद राज्य कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 31 हो गई है. एमपी कैबिनेट में कुल 34 मंत्री होते हैं, ऐसे में तीन मंत्रियों की सीट अभी भी खाली है. सोमवार को रामनिवास रावत को मोहन यादव कैबिनेट में शामिल कराया गया है. 


कमलेश शाह जीते तो बन सकते हैं मंत्री?


अमरवाड़ा सीट से कांग्रेस के विधायक रहे कमलेश शाह अब इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी हैं. अमरवाड़ा सीट लंबे समय से कांग्रेस के हाथ में रही है. अमरवाड़ा सीट पर 2008 के बाद बीजेपी को जीत का इंतजार है. यह एक आरक्षित सीट है और कांग्रेस का गढ़ है. यहां जीत पाना आसान नहीं है. दोनों पार्टियों के लिए जीत का स्वाद चखना आसान नहीं होगा.  


बीजेपी केवल यहां से जीत दर्ज करना ही नहीं चाहती है, बल्कि सूत्रों की मानें तो राज्य की मोहन यादव की सरकार यहां से मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व भी चाहती है. ऐसे में सूत्रों की मानें तो यदि कमलेश शाह इस बार चुनाव जीत जाते हैं तो पार्टी उन्हें राज्य कैबिनेट में जगह दे सकती है, यानी कि उन्हें राज्य मंत्री बनाया जा सकता है. सूत्र यह भी बताते हैं कि 13 जुलाई के बाद राज्य मंत्रिमंडल में कभी भी विस्तार हो सकता है.


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