(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Indore News: सुपर-30 वाले आनंद कुमार ने बताई राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका, इंदौर की स्वच्छता और शिक्षा की तारीफ
MP News: पद्मश्री आनंद कुमार ने कहा कि भारत विश्वगुरु बनने जा रहा है. पूरा विश्व भारत की ओर उम्मीद भरी दृष्टि से देख रहा है. ऐसा इसलिए कि हमारे शिक्षक शुचितापूर्ण आचरण और ज्ञान के प्रति समर्पित हैं.
Anand Kumar in Indore: समाज को बदलने और प्रतिभाओं को पोषित करके राष्ट्र निर्माण में योगदान देने में शिक्षकों की बड़ी भूमिका होती है. भारत विश्वगुरु बनने की ओर बढ़ रहा है. पूरा विश्व भारत की ओर उम्मीद भरी दृष्टि से देख रहा है. इसका बड़ा कारण है हमारे यहां के शिक्षक शुचितापूर्ण आचरण और ज्ञान के प्रति समर्पित हैं. बच्चों के सपनों को साकार करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. शिक्षा हर क्षेत्र में काम करने के लिए जरूरी है. यह बात सुपर 30 के संस्थापक और गणितज्ञ पद्मश्री आनंद कुमार ने इंदौर में कही.वे नए भारत के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका और भागीदारी विषय पर संस्था सार्थक द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए.
नए भारत का निर्माण और शिक्षा
नए भारत के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका और भागीदारी को रेखांकित करने के लिए संस्था सार्थक ने बेहद अभिनव पहल की. रविवार को गांधी हॉल में हुए खास कार्यक्रम में सुपर 30 के संस्थापक पद्मश्री आनंद कुमार शहर के शिक्षकों से रूबरू हुए. आयोजक दीपक जैन टीनू ने बताया कि इस कार्यक्रम में आनंद कुमार विशेष रूप से स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों के प्राचार्यो, संचालकों व शिक्षकों से रूबरू हुए.
आनंद कुमार ने कहा कि शिक्षक ही छात्रों को आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे मेडिकल, मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी के प्रमुख संस्थानों में प्रवेश पाने के उनके सपनों को हासिल करने में मदद करते हैं.इस तरह बच्चों का भविष्य और करियर शिक्षकों के मार्गदर्शन में आकार लेता है. इस दौरान आनंद कुमार ने उपस्थित शिक्षकों, शिक्षाविदों से सीधा संवाद भी किया.कार्यक्रम के दौरान मंत्री तुलसी सिलावट और आयोजक दीपक जैन टीनू ने आनंद कुमार का सम्मान भी किया.
इंदौर में स्वच्छता और शिक्षा
इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए आनंद कुमार ने कहा कि इंदौर में स्वच्छता के साथ ही शिक्षकों और शिक्षा का स्तर बहुत ऊपर उठा है.शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है और सभी क्षेत्रों में काम करने के लिए बहुत जरूरी है. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थानों के शिक्षक, प्राचार्य, संचालक, शिक्षाविद् उपस्थित रहे.
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