Bhopal News: भोपाल स्थित एनआईए (NIA) कोर्ट ने आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (Hizb Ut Tahrir) के 10 सदस्यों को 2 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इन सभी की रिमांड 24 मई को खत्म हो गई थी. इन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच एटीएस (ATS) की टीम कोर्ट लाई थी. अब तक इसके छह सदस्यों को जेल भेजा चुका है. हालांकि इनके सबके बीच चौंकाने वाली बात सामने आई है. 


एटीएस को यह जानकारी मिली है कि हिज्ब-उत-तहरीर के तार इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी की सिमी से जुड़े हुए हैं. एटीएस ने 9 मई को मध्य प्रदेश और हैदराबाद में एकसाथ छापेमारी की थी. भोपाल से 10 और छिंदवाड़ा से एक आतंकी पकड़ाया था जबकि हैदराबाद से एटीएस ने पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया था. इन सभी को 19 मई को कोर्ट में पेश किया  गया था. इनमें से छह को जेल भेजा गया था जबकि 10 को 24 मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. 


सौरभ से बन गया सलीम
पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है कि एचयूटी के सदस्य मोहम्मद सलीम उज्जैन के महिदपुर गया था और वहां उसने सिमी के सदस्य साजिद नागौर से मुलाकात की थी. बता दें कि मोहम्मद सलीम को हैदराबाद से पकड़ा गया था जो कि भोपाल के बैरसिया का रहने वाला है. उसका असली नाम सौरभ जैन है. उसने जाकिर हुसैन के भाषणों से प्रेरित होकर इस्लाम अपना लिया था. इसका खुलासा खुद उसके पिता ने किया था.


कोई इंजीनियर तो कोई निकला असिस्टेंट मैनेजर
एमपी से पकड़े गए एचयूटी के अन्य सदस्यों की पहचान यासिर खान, मेहराज अली, सैय्यद सामी रिजवी, खालिद हुसैन, शाहरुख, वसीम खान, मिस्वाह उल हक, मोहम्मद आलम, शाहिद, दानिश अली और अब्दुल करीब के रूप में हुई है. इनकी उम्र 25 से 40 के बीच है. जबकि पकड़े गए आतंकियों में कोई मजदूर है तो कोई सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. ऐशबाग का रहने वाला दानिश अली सॉफ्टवेयर इंजीनियर है जबकि जबकि छिंदवाड़ा का रहने वाला अब्दुल करीम असिस्टेंट मैनेजर की पोस्ट पर काम कर रहा था.


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