Dhar News: शादी समारोह के दौरान अक्सर हादसे की खबरें आती रहती हैं. वहीं एक बार मध्य प्रदेश के धार में नाचने के दौरान भारतीय सेना के जवान की मौत का मामला सामने आया है. दरअसल, खुशी के मौके पर नाचते गाते आतिशबाजी करने के दौरान जवान ने रॉकेट अपने मुंह में रख कर उसे जला दिया फिर जो हुआ उसे देख हर किसी के उड़ गए होश.
दरअसल, घटना सोमवार रात की है जहा धार जिलें के सरदारपुर तहसील में आदिवासी अंचल क्षेत्र ग्राम जलोख्या में शादी समारोह चल रहा था, जिसमे जम्मू कश्मीर में पदस्थ भारतीय सेना के सैनिक निर्भय सिंह धार अपनी छुट्टी बनाने आए थे. उसी दौरान ग्राम जलोख्या में ही परिचित मोहन बिलवाल के पुत्र बबलु की शादी का समारोह चल रहा था. जिसमें बाना निकलने के दौरान परिवार के लोग खुशियों में नाच रहे थे. इसी बीच सैनिक निर्भय सिंह नाचते हुए हाथ में एक रॉकेट लेकर आया और उसे जलाया जो ऊपर की और जाकर पूरा जल गया. कुछ ही देर बाद दूसरा रॉकेट को अचानक मुंह में रख लिया जो अचानक मुंह में ही फट गया.
मौके पर ही मौत
राकेट के हुए ब्लास्ट में सैनिक निर्भय सिंह का चेहरा बुरी तरह चितर बितर हो गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई. अचानक हुई घटना के बाद समारोह में अफरा-तफरी मच गई. रात में ही परिजन फौजी के शव को लेकर समीप के अस्पताल पहुंच गए, जहां उसे मृत घोषित किया गया है. वहीं मौके पर ही सैनिक की खबर सुनते ही इंदौर से एफएसएल टीम मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई.
मुंह में फटा रॉकेट
वहीं अमझेरा थाना प्रभारी सीबी सिंह ने बताया कि फौजी छुट्टी लेकर आया था. जिस लडकी से बबलू नाम के युवक की शादी हो रही थी उसका मृतक फौजी निर्भय सिंह रिश्तेदारी में काका लगता है. नाचने के दौरान ही रॉकेट मृतक निर्भय सिंह ने जलाया था. पहला हाथ में जलाने के बाद ही दूसरा मुंह में से जलाया था. उस दौरान जवान ने रॉकेट ऊलटा अपने मुंह में रख लिया और वह अचानक ब्लास्ट हो गया जिससे उसकी मौके पर ही पूरा सर उड़े जाने से मौत हो गई. मामले में शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंपा दिया गया हैं.
दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
उधर, पूरे हादसे की सूचना परिवार के लोगों ने भारतीय सेना के अधिकारियों को भी दी है. जिसके बाद गांव में महू सेना के अधिकारी सहित टीम पहुंची जहां पर सेना के प्रोटोकॉल का उपयोग करते हुए मृतक सैनिक निर्भय सिंह का अंतिम संस्कार किया गया. साथ ही गॉर्ड ऑफ ऑनर भी सेना के जवानों द्वारा दिया गया. सेना के शासकीय वाहन में फौजी का शव रखकर अंतिम यात्रा गांव से निकाली गई. इस दौरान बड़ी संख्या में क्षेत्र के ग्रामीण अंतिम यात्रा में शामिल हुए. लेकिन जिस तरह से हादसे का शिकार हुए भारतीय सैनिक जवान की असमय मृत्यु हुई है वह दूसरे सभी लोगों के लिए भी सबक बना है कि इस तरह आतिशबाजी जान की बाजी लगाकर न करें जिससे उनकी जान से हाथ धोना पड़ जाए.
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