Ujjain News: मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में 42 साल का जो व्यक्ति संदिग्ध परिस्थितियों में बीच सड़क पर जलता हुआ पाया गया था, उसकी इलाज के दौरान रविवार को अस्पताल में मौत हो गई. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी.अधिकारी ने बताया कि पुलिस विभिन्न कोणों से इस घटना की जांच कर रही है. आसिफ नाम के इस व्यक्ति का नाम उस वक्त चर्चा में आया था जब लोकायुक्त पुलिस ने एक आरक्षक को घूस लेते हुए पकड़ा था. आरक्षक ने घूस की रकम इसी आसिफ को सौंप दी थी. पुलिस उस रकम को बरामद नहीं कर पाई थी.


क्या कहना है पुलिस का


अधिकारी ने बताया कि यह घटना शनिवार रात की है. यह व्यक्ति कोतवाली पुलिस थाना क्षेत्र के एक सार्वजनिक शौचालय से जलता हुआ सड़क पर बाहर आया था और दर्द के मारे चीख रहा था. कोतवाली थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह परिहार ने बताया, ''आसिफ पेंटर नाम के व्यक्ति को उज्जैन में शनिवार को सड़क पर जलता हुआ पाया गया. उसे प्राथमिक उपचार के बाद तुरंत इंदौर के एक अस्पताल में रेफर किया गया. वहां रविवार को उसकी मौत हो गई. वह इंदौर के गांधी नगर का रहने वाला था.'' 


अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक आनंद ने कहा, ''इस घटना के वीडियो भी सामने आए हैं. वीडियो देखने के बाद लग रहा है कि इस व्यक्ति ने खुद को जलाया है. हालांकि, उसकी सघनता से छानबीन भी कर रहे हैं कि इसमें किसी और का हाथ है या नहीं .'' उन्होंने कहा कि आसिफ दो दिन पहले सात अप्रैल को रिश्वत लेते हुए लोकयुक्त की गिरफ्त में आए चिमनगंज थाने में पदस्थ एक आरक्षक के एजेंट के रूप में सामने आया था.


पुलिस आरक्षक को रिश्वत में मिले रुपये लेकर भागा था


अधिकारी ने बताया कि यह आरक्षक क्रिकेट के सटोरिये पर दबाव बनाकर रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था. लेकिन उसने लोकयुक्त की टीम देख दौड़ लगा दी थी और रिश्वत के रूप में मिली 25 हजार रुपये की राशि आसिफ को थमा दी थी.


परिहार ने इस बात की भी पुष्टि की कि आसिफ वही व्यक्ति है जिसे आरक्षक ने सात अप्रैल को लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई के दौरान थाने से भागने के बाद पैसे सौंपे थे. उन्होंने कहा कि रिश्वत की रकम बरामद नहीं की जा सकी थी, क्योंकि आरक्षक ने इसे आसिफ को सौंप दिया था. 


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