Digvijaya Singh on Atiq Ahmad Case: उत्तर प्रदेश के प्रायराज में हुए अतीक-अशरफ हत्याकांड पर मध्य प्रदेश की विपक्षी पार्टियां लगातार यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमलावर हैं. इसी बीच एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अतीक अहमद के साथ लिप्त बिल्डरों, नेताओं और व्यापारियों के नाम उजागर करने की बात कही है. उन्होंने कहा, 'अतीक और उनका परिवार आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा है. अतीक के गैंग ने हिन्दुओं से ज्यादा मुस्लिमों को प्रताड़ित किया है. बेटे का एनकाउंटर तो पुलिस ने किया, लेकिन पुलिस कस्टडी में हत्या होने पर पुलिस की जिम्मेदारी है.'


वहीं, उन्होंने अतीक अहमद और भाई अशरफ हत्याकांड मामले में ईडी और सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस बात का खुलासा होना चाहिए कि किन-किन से अतीक के संबंध थे. दिग्विजय सिंह ने कहा कि माफिया का हेड तो गया, बाकी माफिया खत्म होना चाहिए. जिन व्यापारियों के अतीक ने नाम लिए उनके संबंधों का भी खुलासा होना चाहिए. 


दिग्विजय सिंह का सवाल- 'क्या शूटर को था गृहमंत्री का संरक्षण?'
वहीं, अतीक अहमद को मारने वाले आरोपी शूटर लवलेश तिवारी और कुख्यात माफिया विकास दुबे के बीच के कनेक्शन को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि विकास दुबे ने महाकाल मंदिर ही क्यों चुना? गृहमंत्री का विकास दुबे से क्या संबंध था, ये मेरा सवाल है? उसी तरह लवलेश मध्य प्रदेश आया था. दोनों में क्या लिंक है, इसको लेकर दिग्विजय सिंह ने गृहमंत्री से सवाल किया है. 


मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए दिग्विजय सिंह ने सवाल किया कि क्या उसे गृहमंत्री का संरक्षण था? नरोत्तम मिश्रा को जवाब देना चाहिए. इससे पहले दिग्विजय सिंह ने कहा था कि अपराधियों के संबंध अधिकारियों, बिल्डर्स आदि से अवश्य होते हैं. इनकी खुली जांच होनी चाहिए. 


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