Swami Avimukteshwaranand Saraswati on Hindu Nation: दो दिवसीय प्रवास पर छिंदवाड़ा पहुंचे ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज (Swami Avimukteshwaranand Saraswati) ने मीडिया से चर्चा के दौरान देश में उठ रही हिंदू राष्ट्र (Hindu Nation) की मांग के सवाल पर अपनी प्रतिक्रिया दी. स्वामी जी ने कहा कि हिंदू राष्ट्र से हमारा कल्याण नहीं होगा हमें रामराज्य (Ramrajya) की जरूरत है.अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती  ने साथ ही कहा कि लोगों का धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र से मोहभंग हो रहा है इसलिए हिंदू राष्ट्र की मांग उठ रही है लेकिन इससे हिदुओं में गोलबंदी होगी. 


स्वामी जी ने आगे कहा, 'आजकल गोलबंदी ही राजनीति है.  ऐसी परिस्थिति में जब गोलबंदी ही राजनीति हो गई है.  राजनीति शब्द का इस्तेमाल महाभारत और रामायण में हुआ है, अगर वह राजनीति का शब्द हो तो अच्छी बात है लेकिन आजकल वह राजनीति तो है नहीं, आजकल गोलबंदी है. आजकल हिंदू राष्ट्र शब्द लेकर आते हैं. हिंदू राष्ट्र का मतलब है कि हिंदुओं की गोलबंदी. यानी जो हिंदू नहीं है उसके साथ पराया व्यवहार होगा. हमारे यहां यह माना गया है  कि राजा के लिए जितनी भी प्रजा है वह उसके अपने बच्चे जैसी होनी चाहिए.  हमारे यहां के राजाओं और आचार्यों ने इस आदर्श का पालन किया है.'


धर्माचार्य की हैसियत से कह रहा हूं यह बात- अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हिंदू राष्ट्र की मांग उठने की वजह गिनाते हुए कहा, 'हिंदू राष्ट्र की बात इसलिए आ रही है कि वर्तमान धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र से लोगों का मोहभंग हो रहा है इसलिए हिंदू राष्ट्र की मांग हो रही है. ऐसी परिस्थिति में हिंदू राष्ट्र की बात मान लें तो फिर गोलबंदी बननी शुरू हो जाएगी.  हमलोगों को अपना राज्य स्थापित करना ही है तो रामराज्य की स्थापित करने की बात करें. उसका मतलब यह है कि सबको न्याय मिलेगा. वह राज्य जिसमें भाई भतीजावाद और जातिवाद नहीं था और न्याय तत्काल मिल जाता था. ऐसे राज्य की कल्पना हम करते रहे हैं. यही तो देश है जहां राम राजा थे. जो हो पहले हो चुका है, वह दोबारा क्यों नहीं हो सकता. यह कोई दुर्लभ लक्ष्य नहीं है. मैं यह राजनीति की दृष्टि से नहीं बल्कि धर्माचार्य की दृष्टि से कह रहा हूं. हमारा कल्याण हिंदू राज्य से नहीं होगा, हमें रामराज्य की जरूरत है.'


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