Ram Mandir Pran Pratishtha: कहते हैं कि भक्ति उम्र की मोहताज नहीं होती है और जब बात बजरंग बली के आराध्य की हो तो हिम्मत अपने आप आ जाती है. हम बात कर रहे हैं जबलपुर की 60 साल की साध्वी शिरोमणि की, जो अपने ईष्ट भगवान श्रीराम के नए महाप्रसाद में आगमन और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का साक्षी बनने के लिए बाइक से अयोध्या जा रही हैं.


गौरीघाट में मां नर्मदा का पूजन करने के बाद कलश में नर्मदा जल लेकर साध्वी शिरोमणि ने अपनी सहयोगी अंजलि के साथ आज शुक्रवार (12 जनवरी) को यह यात्रा शुरू की. इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों को संदेश दिया है कि 'अहम' की बजाय 'हम' में विश्वास रखें. 'ह से हिंदू' और ' म से मुस्लिम' यह दोनों मिलकर ही हम की परिभाषा को साकार कर सकेंगे.



बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्रीराम के नए महाप्रसाद में आगमन और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का साक्षी बनने के लिए लोगों में गजब का जुनून है. आम लोगों के साथ विशेष तौर पर आमंत्रित साधु-संत भी अयोध्या प्रस्थान कर रहे हैं. अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देशभर के चुनिंदा लोगों को आमंत्रित किया गया है, जिसके बाद आमंत्रित लोग एक-एक कर अयोध्या जाने की तैयारी में जुटे हुए हैं.


दरअसल, अयोध्या के लिए जिन लोगों को आमंत्रित किया गया है, उनमें समाज सेवा और धर्म के क्षेत्र में कार्य करने वाले प्रतिष्ठित लोग हैं. ये सभी भगवान के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी बनेंगे. संस्कारधानी जबलपुर से भी अनेक साधु-संतों को विशेष आमंत्रण मिला है. इन्हीं में से एक हैं साठ साल की साध्वी शिरोमणि, जिन्हें अयोध्या के राम मंदिर निर्माण की प्राण प्रतिष्ठा में बुलावा भेजा गया है.


एक ओर जहां तमाम आमंत्रित सदस्य अपने सर्व सुविधा युक्त साधनों से अयोध्या पहुंचेंगे तो वहीं मां नर्मदा की पुत्री कहलाने वाली साध्वी शिरोमणि बाइक से तकरीबन 650 किलोमीटर की यात्रा कर अयोध्या पहुंच रही है.


जबलपुर के गौरीघाट में मां नर्मदा का पूजन करने के बाद कलश में नर्मदा जल लेकर साध्वी शिरोमणि ने अपनी सहयोगी अंजलि के साथ यह यात्रा शुरू की है.साध्वी शिरोमणि ने बताया कि कभी वह जयश्री के नाम से जानी जाती थी, लेकिन साध्वी ऋतंभरा के संपर्क में आने के बाद जीवन की मोह माया को त्याग कर उन्होंने भी वैराग्य धारण कर लिया. 


साध्वी ऋतंभरा की प्रेरणा से उन्हें साध्वी शिरोमणि का नाम मिला और कई सालों से हिंदू धर्म के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए वे काम कर रही हैं. इसके पहले भी वह बाइक से देश के कई हिस्सों में यात्रा कर चुकी हैं. इसीलिए अयोध्या की यात्रा भी वे अपनी बाइक से ही करेंगी.


साध्वी शिरोमणि अपनी इस यात्रा के दौरान विभिन्न तीर्थ स्थलों का भ्रमण करते हुए 20 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगी, जहां सरयू नदी में मां नर्मदा का जल मिलाकर पूजन करेंगी और फिर भगवान श्री राम के मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगी.


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