Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बड़ा बयान दिया है. राम मंदिर को लेकर उन्होंने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराने के पीछे बीजेपी, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद की मंशा उस स्थान पर मंदिर बनाने की नहीं, बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए इसे हिंदू-मुस्लिम मुद्दा बनाने की रही.
'कांग्रेस ने नहीं किया विरोध'
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में दावा किया कि कांग्रेस ने कभी भी अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का विरोध नहीं किया. उन्होंने नए मंदिर के स्थान पर सवाल उठाया जहां 22 जनवरी को मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह होगा.
'कांग्रेस ने कोर्ट के फैसले का किया इंतजार'
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, "कांग्रेस ने केवल विवादित भूमि पर (मंदिर के) निर्माण के लिए अदालत के फैसले तक इंतजार करने को कहा. गैर विवादित जमीन पर भूमि पूजन राजीव गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी) के समय हुआ था. (पूर्व प्रधानमंत्री पीवी) नरसिम्हा राव ने भी राम मंदिर के निर्माण के लिए गैर-विवादित भूमि का अधिग्रहण किया था."
बीजेपी ने घेरा
वहीं मध्य प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने सिंह को 'राम द्रोही' करार दिया और दावा किया कि कांग्रेस नेता और उनकी पार्टी सनातन धर्म के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल हलफनामे में भगवान राम को 'काल्पनिक' व्यक्ति बताया था. चतुर्वेदी ने पूछा कि सिंह को स्पष्ट करना चाहिए कि वह कब तक 'सनातन धर्म विरोधी और राम द्रोही' बने रहेंगे.
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