Ayodhya Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने बयानों के चलते लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. जहां उन्होंने पहले अर्धनिर्मित मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाया था, वहीं अब उन्होंने पूछा है कि हिंदुओं के मार्गदर्शक कौन हैं शंकराचार्य या चंपत राय?


पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई सवाल पूछे हैं. उन्होंने लिखा, "आज जनमानस में कुछ प्रश्न उपस्थित हो गये हैं. हिंदू धर्मशास्त्र में हिंदुओं को कौन मार्ग दिखाये शंकराचार्य या चंपत राय? सनातन धर्म की मान्यताओं का पालन किसने किया? महात्मा गांधी ने या नाथूराम गोड्से ने? क्या निर्माणाधीन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जा सकती है? राम भगवान का जन्म रामनवमी पर हुआ था. क्या प्राण प्रतिष्ठा उसी दिन नहीं हो सकती थी? क्या मुझे इनका उत्तर मिलेगा?"


 




पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने आगे लिखा, "मैं तो शुरू से यही कह रहा हूं, जिस रामलला की मूर्ति रखे जाने पर विवाद हुआ, विध्वंस हुआ, वह कहां है? दूसरी मूर्ति की क्या आवश्यकता थी? हमारे गुरु द्वारिका व जोशीमठ में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज ने यह भी सुझाव दिया था कि राम जन्म भूमि मंदिर में भगवान राम की मूर्ति बाल स्वरूप होकर मां कौशल्या की गोद में होना चाहिए, लेकिन, जो मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है, वह तो बाल स्वरूप की नज़र नहीं आती है."


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