(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ram Mandir Opening: प्राण प्रतिष्ठा से पहले ओरक्षा में राम उत्सव, CM मोहन यादव और शिवराज समेत तमाम नेता हुए शामिल
Ramlala Pran Pratishtha: ओरक्षा में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भव्य उत्सव मनाया जा रहा है. सीएम मोहन यादव, शिवराज सिंह चौहान सहित अनेक जनप्रतिनिधि ओरछा के उत्सव में शामिल होने पहुंचे हैं.
Ram Mandir Inauguration: आज (22 जनवरी) अयोध्या में जहां भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर हर्षोल्लास का माहौल है, तो ठीक वैसा ही माहौल मध्य प्रदेश के ओरछा में भी बना हुआ है. भगवान राम का ओरछा से गहरा नाता है. मान्यता है कि राजाराम ओरछा में दिन बिताते हैं, जबकि शाम ढलते ही यूपी के अयोध्या पहुंच जाते हैं. इसके साथ ही भगवान राम को चार बार की आरती के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया जाता है.
ओरछा में स्थित भगवान श्रीराम का मंदिर पूरे देश में एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां वह भगवान के रूप में नहीं बल्कि राजा के रूप में पूजे जाते हैं. यहां रामराजा सरकार जन-जन के आराध्य हैं, जिस तरह अयोध्या में आज उल्लास का माहौल है, ठीक उसी तरह ओरछा में भी राममय माहौल है. प्रदेश के सीएम डॉक्टर मोहन यादव, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित अनेक जनप्रतिनिधि ओरछा के उत्सव में शामिल होने पहुंचे हैं.
रानी की जिद पर ओरछा आए थे भगवान राम
पौराणिक कथाओं के अनुसार ओरछा के शासक मधुकरशाह कृष्ण भक्त थे, जबकि उनकी महारानी कुंवरि गणेश भगवान राम की उपासक थीं. इसके चलते राजा और रानी के बीच विवाद की स्थिति निर्मित होती रहती थी. एक बार राजा मधुकरशाह ने रानी कुंवरी गणेश से वृंदावन चलने का कहा, लेकिन रानी ने अयोध्या जाने की जिद की. इस पर राजा ने कहा कि तुम क्या राजा राम को लेकर आ पाओगी. यह सुनते ही महारानी कुंवरि गणेश अयोध्या के लिए रवाना हो गई और 21 दिन की कठिन तपस्या की, जिसके बाद भी भगवान राम प्रकट नहीं हुए. इसके बाद रानी ने सरयू नदी में छलांग लगा दी.
दिन में एमपी तो यूपी में रात बिताते हैं भगवान राम
— Nitinthakur ABN NEWS (@Nitinreporter5) January 22, 2024
- ओरछा में चार बार की आरती के दौरान दिया जाता है गार्ड ऑफ ऑनर
- आज ओरछा में माहौल पूरी तरह से राममय @ABPNews @brajeshabpnews pic.twitter.com/72371h2M6E
भगवान राम ने रखी थी तीन शर्तें
कहा जाता है कि महारानी की भक्ति देखकर भगवान राम नदी के जल में ही उनकी गोद में आ गए. तब महारानी ने राम से अयोध्या से ओरछा चलने का आग्रह किया, जिस पर भगवान राम ने उनके सामने तीन शर्तें रखी थी. भगवान राजाराम ने महारानी के सामने जो तीन शर्तें रखी थी उसमें पहली शर्त थी कि मैं यहां से जाकर जिस जगह बैठ जाऊंगा, वहां से नहीं उठूंगा. दूसरी ओरछा के राजा के रूप में विराजित होने के बाद किसी दूसरे की सत्ता नहीं रहेगी. तीसरी और आखिरी शर्त थी कि खुद को बाल रूप में पैदल एक विशेष पुष्य नक्षत्र में साधु संतों को साथ ले जाने की थी. महारानी ने भगवान राम की यह तीने शर्तें सहर्ष स्वीकार कर ली. इसके बाद रामराजा ओरछा आ गए, तब से भगवान यहां विराजमान हैं.
WATCH: भोपाल की डमरू टीम की अयोध्या में शानदार प्रस्तुति देख भाव विभोर हो उठे लोग, आप भी देखें