Ayushman Scam: सीएम शिवराज ने कहा- बर्दाश्त नहीं करुंगा आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा, अधिकारियों को दिए ये निर्देश
MP News: सीएम शिवराज ने कहा कि कॉल सेंटर एक्टिव रहें और मरीजों से पूछताछ करें कि वे भर्ती हैं या नहीं. साथ ही उन्होंने गड़बड़ी करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही.
Ayushman Bharat Scheme Scam in MP CM: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) में मध्य प्रदेश मे गड़बड़झाला पाया गया है. प्रारंभिक जांच में मध्य प्रदेश के 27 अस्पतालों में अनियमितता पाई गई है. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि इस योजना में किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीएम चौहान ने गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए.
आयुष्मान योजना की जांच में क्या मिला है
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना, मध्य प्रदेश द्वारा स्व-प्रेरणा से अभी तक 12 जिलों में प्रकरणों का परीक्षण कर संदिग्ध 84 चिकित्सालयों की सूक्ष्म जांच की गई. अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में 27 अस्पतालों में अनियमितता पाई गई है, जिन पर कार्रवाई की जा रही है. इस पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, ‘‘आयुष्मान भारत योजना में किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं होगा. योजना में बेहतर कार्य करें ताकि मरीजों को उपचार कराने में कोई असुविधा नहीं हो.’’ उन्होंने कहा कि योजना में फर्जीवाड़ा करने वालों को जेल भेजने की कार्रवाई होनी चाहिए.
सीएम ने कहा- घोटाला मरीजों और सरकार से धोखा
इस बैठक में मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन प्रियंका दास सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान बैठक में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए. सीएम चौहान ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा असहनीय है. योजना में घोटाला नहीं चलने देंगे. यह मरीजों और सरकार के साथ धोखा है. घोटाला करने वालों की गिरफ्तारी के साथ उनकी अन्य गतिविधियों की जांच भी की जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी अस्पतालों की स्वास्थ्य विभाग द्वारा दल बनाकर जांच कराई जाए. संदिग्ध पाए गए अस्पतालों में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की राशि नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि कॉल सेंटर एक्टिव रहें और मरीजों से पूछताछ करें कि वे भर्ती हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 27 अस्पतालों में कमियां सामने आई हैं, जिन पर कड़ी कार्रवाई करें ताकि आगे ऐसा नहीं हो.
अस्पतालों ने पोर्टल पर जमा कराए फर्जी दस्तावेज
बैठक में संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन प्रियंका दास ने बताया कि आयुष्मान में संबद्ध अस्पतालों में भर्ती मरीजों की चिकित्सकीय गुणवत्ता के लिए औचक निरीक्षण किया गया. अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या के साथ इस बात की भी जांच की गई कि मरीजों से अतिरिक्त राशि तो नहीं ली जा रही. इसकी भी जांच की गई कि चिकित्सालयों द्वारा बीमारी के अनुसार उपचार उपलब्ध कराया गया है या नहीं.
सीएम चौहान ने कहा कि उपचार में गुणवत्ता का ध्यान रखे जाने का भी परीक्षण कराया गया. उन्होंने कहा कि जांच में पाया गया कि कुछ अस्पतालों ने मरीज भर्ती नहीं किए लेकिन उनकी भर्ती के फर्जी दस्तावेज पोर्टल पर जमा कर दिए. उन्होंने कहा कि ऐसे सभी प्रकरण में उचित विधिक कार्रवाई कराई गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे समस्त अस्पतालों को, जो योजना का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन्हें योजना से असम्बद्ध करने की कार्रवाई की जा रही है.
प्रियंका दास ने बताया कि मरीजों को नि:शुल्क उपचार न देते हुए उनसे अतिरिक्त राशि की मांग किए जाने संबंधी प्रकरणों में तीन गुना अतिरिक्त अर्थदंड लागू किया जा रहा है. अस्पतालों की जांच का कार्य निरंतर जारी रहेगा. इलाज के दौरान और इलाज के बाद मरीजों से उनकी राय ली जा रही है.
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