Azadi ka Amrit Mahotsav: उज्जैन के अरविंद सिंह आतंकियों से लोहा लेते हो गए थे शहीद, याद कर परिजनों के नहीं रुकते आंसू
Ujjain News: मध्य प्रदेश के उज्जैन के रहने वाले अरविंद सिंह तोमर, आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. उन्होंने आखिरी बार 30 नवंबर 2001 को अपने परिवार जनों से बात की थी.
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MP News: मध्य प्रदेश के उज्जैन के गणेश नगर इलाके में रहने वाले सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी शमशेर सिंह तोमर के घर 5 नवंबर 1966 को अरविंद सिंह तोमर का जन्म हुआ. अरविंद सिंह तोमर शुरू से ही देश भक्ति से प्रेरित थे. अरविंद सिंह तोमर हायर सेकेंडरी उत्तीर्ण करने के बाद सेना ज्वाइन कर ली थी. आर्ममोरर के पद पर पदस्थ नायक अरविंद सिंह तोमर 15 साल की सर्विस पूर्ण कर चुके थे. उनके अच्छे कार्य को देखते हुए 3 साल की सर्विस बढ़ा दी गई थी. 30 नवंबर 2001 को अरविंद सिंह तोमर की आखिरी बार अपने परिवार वालों से बात हुई थी.
पिता से 30 नवंबर 2001 को हुई थी बात
शहीद अरविंद सिंह तोमर के पिता बताते हैं कि अरविंद सिंह तोमर ने उन्हें 30 नवंबर को फोन करके बताया था कि वे छुट्टी पर आने वाले हैं. इस बात की जानकारी परिवार के लोगों को जैसे ही लगी वे काफी खुश हो गए. अरविंद सिंह तोमर की पत्नी राका लक्ष्मी तोमर से भी उन्होंने बात की थी. इसके अलावा मां मुन्नी बाई तोमर की तबीयत भी पूछी थी. इसके बाद अगले ही दिन एक दिसंबर 2001 को सुंदरवन इलाके में अरविंद सिंह तोमर को आतंकियों ने घेर लिया. आतंकियों से लोहा लेते समय अरविंद सिंह तोमर शहीद हो गए. इस बात की जानकारी जैसे ही परिवार के लोगों को लगी उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.
बेटे को भी सेना में भेजना चाहती है मां
भारत मां की रक्षा के लिए शहीद हुए अरविंद सिंह तोमर की पत्नी राका लक्ष्मी तोमर चाहती है कि उनका पुत्र आदर्श तोमर भी सेना में जाए और अपने पिता की तरह बहादुरी से देश की सेवा करें. आदर्श फिलहाल अपने परिवार का व्यवसाय संभाल रहे हैं. इसके अलावा पढ़ाई भी कर रहे हैं. आदर्श ने बताया कि जब उनके पिता शहीद हुए थे तब उनकी उम्र महज 2 साल थी. उन्होंने पिता की पूरी तरह सूरत भी नहीं देखी थी. आदर्श तोमर आज भी इस बात को लेकर गर्व करते हैं कि उनके पिता ने भारत माता के लिए सर्वस्व निछावर कर दिया.
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