Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की 19 नगरीय निकायों में सबसे चर्चित नगरीय निकायों में से एक राघोगढ़ जो कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के नाम से जानी जाती है. एक बार फिर से चर्चा में है, सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पालिका अध्यक्ष के चयन से पहले ही पार्षदों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी गई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस में किसी भी प्रकार की खरीद-फरोख्त से बचने के लिए अपने पार्षदों को कहीं शिफ्ट कर दिया है. वहीं अधिकारिक रूप से कांग्रेस के जिला अध्यक्षों ने इस बात से इनकार किया है.


वहीं सूत्र से पता चला है कि पार्षदों की बाड़ेबंदी की गई है, क्योंकि जब इस संबंध में एबीपी न्यूज ने कांग्रेस के पार्षदों से चर्चा करने का प्रयास किया तो अधिकांश पार्षद विभिन्न कारणों के चलते बाहर होने की बात कहते नजर आए. साथ ही अधिकांश ऐसे पार्षद थे जो अपना स्थान बताने से हिचक रहे थे. कहीं ना कहीं अंदाजा लगाया जा रहा है कि पार्षद कुछ दिनों के लिए बाहर है. इस संबंध में मीडिया ने वार्ड पार्षद राजेश साहू से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि वो व्यक्तिगत कारणों के चलते शादी समारोह में इंदौर आए हैं. उन्होंने वार्ड 12 के पार्षद महाराज सिंह, वार्ड 20 के पार्षद गोलू के साथ होने की बात कही है. इसी प्रकार अन्य पार्षद भी या तो फोन अटेंड नहीं कर रहे हैं या किसी न किसी कारण के चलते बाहर होने की बात कह रहे हैं.


कांग्रेस ने कहा पार्टी एकजुट है
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अपनी स्पष्ट बहुमत वाली विजय पर संतोष जताते हुए कहा है कि यहां किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ की कोई संभावना नहीं है. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मेहरबान सिंह से जब मीडिया ने चर्चा की तो उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी एकजुट है. जबकि बीजेपी के पार्षद हमारे संपर्क में हैं. इसलिए हमारे पार्षदों की बाड़ेबदी का कोई सवाल ही नहीं है. वहीं राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि अब तक के इतिहास में राघोगढ़ में यह पहली बार हो रहा है जब पार्षदों की बाड़ेबंदी की गई हो. पार्षदों को संभावित रूप से राजस्थान भेजे जाने की बात निकल कर सामने आ रही है.



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