Case Against Dhirendra Krishna Shastri: मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ राजस्थान में दर्ज मुकदमे से निपटने के लिए उनकी लीगल टीम सक्रिय हो गई है. जबलपुर में पंडित धीरेंद्र शास्त्री की विधिक सलाहकार एडवोकेट रश्मि पाठक का कहना है कि राजस्थान में दर्ज एफआईआर आधारहीन और राजनीति से प्रेरित है.


धीरेंद्र शास्त्री पर क्या है आरोप
राजस्थान में बागेश्वर धाम सरकार के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर राजस्थान में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा है. राजस्थान पुलिस की एफआईआर के मुताबिक उदयपुर में 23 मार्च को हिन्दू नववर्ष की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भड़काऊ भाषण दिया था. इस मामले में राजस्थान पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर के माध्यम से स्थानीय कुंभलगढ़ पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई थी.


एफआइआर के मुताबिक बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंच से भाषण देते वक्त कहा था कि यहां जितने भी हरे झंडे लहरा रहे हैं उन्हें भगवा कर दें. यह हरों का देश नहीं है भगवा का देश है. उनके इस वक्तव्य के बाद दो स्थानों पर एफआईआर दर्ज कराई गई.


युवकों ने की थी कुंभलगढ़ दुर्ग पर भगवा ध्वज फहराने की कोशिश
गौरतलब है कि पंडित धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा गुरुवार को उदयपुर में दिए बयान के अगले ही दिन कुछ युवक तड़के कुंभलगढ़ दुर्ग पर भगवा ध्वज फहराने के लिए पहुंच गए थे. उन्होंने वहां भगवा ध्वज फहराने की कोशिश की. समय रहते पुलिस के वहां पहुंच जाने से वे युवक ऐसा करने में सफल नहीं हो पाए. पुलिस ने वहां से पांच युवकों को गिरफ्तार कर लिया था.


'एफआईआर राजनीति से प्रेरित'
इस एफआईआर के बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तरफ से विधि विशेषज्ञों ने कानूनी पहलुओं पर केस लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. जबलपुर निवासी अधिवक्ता रश्मि पाठक का कहना है कि एफआईआर दर्ज कराने में सरकारी मशीनरी का उपयोग किया गया है. यदि उनके भाषण से किसी को आपत्ति है तो आम व्यक्ति द्वारा विरोध किया जाना चाहिए था और उसकी तरफ से एफआईआर दर्ज होना थी. इससे साफ है कि यह एफआईआर राजनीति से प्रेरित है और हम इससे निपटने की तैयारी कर रहे हैं.


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