(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bageshwar Dham: जानें कौन हैं बागेश्वरधाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, क्या है मदिंर का इतिहास?
Bageshwar Dham: यह बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) मंदिर सालों पुराना है. 1986 में इस मंदिर का रेनोवेशन कराया गया था. इसके बाद 1987 के आसपास वहां पर एक संत का आगमन हुआ.
Bageshwar Dham News: मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham Sarkar) की आजकल खूब चर्चा हो रही है. फिलहाल यहां के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर नागपुर में कथा बीच मे छोड़कर भागने का आरोप लग रहा है. वहीं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी ताल ठोंकर विरोधियों को जवाब दे रहे हैं. अभी पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की रामकथा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शुरू हो गई है.
सोशल मीडिया पर तो बागेश्वर धाम सरकार के छोटे-छोटे वीडियो खूब वायरल होते हैं. नेताओं में तो बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा कराने के लिए होड़ मची है. दावा किया जाता है कि बागेश्वर धाम में आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं बागेश्वर धाम सरकार द्वारा पूरी की जाती हैं.
क्या है ताजा विवाद
बागेश्वर धाम सरकार का इतिहास जानने से पहले आपको बताते चलें कि उनसे जुड़ा ताजा विवाद क्या है. दरअसल, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर नागपुर से कथा छोड़कर भागने का आरोप लगा. इसके बाद उन्होंने पलटवार करते हुए कहा है कि,"हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने चमत्कार को चुनौती देने वालों को जवाब देते हुए यह कहावत कही. नागपुर में कथा कर बागेश्वरधाम लौटे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आगे कहा " हम सालों से बोल रहे हैं कि न हम कोई चमत्कारी हैं, न हम कोई गुरू हैं. हम बगेश्वरधाम सरकार बालाजी के सेवक हैं."
पहले भी सुर्खियों में रहे हैं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
दरसल नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने आरोप लगाया था कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने चमत्कार का दावा करके कानून का उल्लंघन किया है. खबरों में कहा जा रहा है कि 11 जनवरी को यह कथा संपन्न हो गई, जबकि इसकी अंतिम तारीख 13 जनवरी थी. इसकी वजह नागपुर की अंध श्रद्धा उन्मूलन समित का चैलेंज बताया जा रहा है. वैसे इसके पहले भी वो अपने बयानों के लेकर चर्चा में रहे है . सीएम शिवराज सिंह चौहान को बुलडोजर बाबा बताने वाले उनके बयान ने जमकर सुर्खियां बटोरी थी. बीजेपी विधायक प्रीतम सिंह लोधी के ब्राम्हणों पर दिए बयान का भी उन्होंने जमकर प्रतिकार किया था.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक तीर्थ स्थित है. जिसे बागेश्वर धाम सरकार के नाम से जाना जाता है. बागेश्वर धाम “बाला जी” को समर्पित भगवान का मंदिर है. इस प्रसिद्ध मंदिर में बागेश्वर धाम महाराज के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में लोग आते हैं.
बागेश्वर धाम का इतिहास
कहा जाता है कि यह मंदिर सालों पुराना है. 1986 में इस मंदिर का रेनोवेशन कराया गया था. इसके बाद 1987 के आसपास वहां पर एक संत का आगमन हुआ, जिनको बब्बा जी सेतु लाल जी महाराज के नाम से जाना जाता था. इनको भगवान दास जी महाराज के नाम से भी जाना जाता था. इसके बाद 1989 के समय बाबा जी द्वारा बागेश्वर धाम में एक विशाल महायज्ञ का आयोजन किया गया. 2012 में बागेश्वर धाम की सिद्ध पीठ पर श्रद्धालुओं की समस्याओं के निवारण के लिए दरबार का शुभारंभ हुआ.इ स प्रकार धीरे-धीरे बागेश्वर धाम के भक्तगण जुड़ने लगे. बागेश्वर धाम में लोगों की समस्याओं का निवारण किया जाने लगा.