Bageshwar Baba: 'बंटोगे तो कटोगे' नारे पर धीरेंद्र शास्त्री ने कह दी बड़ी बात, 'अगर CM योगी ने महंत होने के नाते...'
Bageshwar Dham: बागेश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने घुसपैठियों के मुद्दे पर कहा कि इस देश में प्रायोजित तरीके से षडयंत्र चल रहा है और जो देश विरोधी हैं, उन्हें पनाह नहीं देनी चाहिए.
Bageshwar Dham Sarkar: बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) ने कहा कि हमारे देश में सबसे बड़ी समस्या जात-पात और ऊंच-नीच की है. सबको एक साथ लाने के लिए और हिंदुओं को जगाने के लिए हम यात्रा निकालेंगे. लोगों से भिक्षा मांगेंगे. 'बंटोगे तो कटोगे' के नारे पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अगर यह राजनीतिक नारा है तो हम कुछ नहीं कह सकते लेकिन सामाजिक रूप से यह बिल्कुल सही है यदि हम बंटेगे तो कटेंगे.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हम (हिंदू) धीरे-धीरे अल्पसंख्यक हो जाएंगे. कई देशों में रहने वाले हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं. कनाडा के हिंदुओं को भगा दिया जाता है. हिंदुओं के लिए एक भी जगह नहीं है जहां वह सुरक्षित हों. 21 नवंबर से हम 160 किलोमीटर की पदयात्रा कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अगर महंत होने के नाते नारा दिया है तो हम इसको लेकर कहेंगे कि अगर भारतीय बटेंगे तो चीन और पाकिस्तान हमें काटेंगे.
देश के विरोधियों को न दें पनाह- धीरेंद्र शास्त्री
घुसपैठियों का मुद्दा बीजेपी झारखंड के चुनाव में जोर-शोर से उठा रही है. घुसपैठियों के मुद्दे पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि इस देश में प्रायोजित तरीके से षड्यंत्र चल रहा है. विधर्मी जिन्हें हिंदू होने से प्यार नहीं, राष्ट्रगान से प्यार नहीं, जिन्हें गजवा-ए-हिंद चाहिए वे अपनी संख्या बढ़ा रहे हैं. रोहिंग्याओं को बुला-बुला कर भारतीय नागरिक बनाकर विधर्मी अपनी सत्ता जमाना चाहते हैं. भारतीयों को, हमको, आपको जागना होगा और देश विरोधियों को देश में पनाह नहीं देंगे.
'मजारों के सामने हिंदुओं की दुकान लगती है क्या?'
अगले साल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होना है. इस पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ''हमने पहले कहा है. मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है, मक्का-मदीना में हमें बुलाया नहीं जाता. अगर आप इतने उदारवादी हैं तो मक्का मदीना में हमारी दुकान लगाइए. भारतीयों में इतने गरीब हैं तो मजारों के सामने हमारी दुकान लगती हैं क्या. आपको त्रिवेणी का ज्ञान नहीं, संगम, संतों का, कथा का ज्ञान नहीं तो आप वहां जा क्यों रहे हो.''
(अंबुज पांडे की रिपोर्ट)
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