Bageshwar Dham Sarkar: बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के कथा वाचक पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Pt Dhirendra Shastri) इन दिनों सुर्खियों में हैं. लोगों के बताए बिना ही उनके बारे में सारी जानकारी हासिल कर लेने का दावा करने वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री का इन दिनों काफी विरोध हो रहा था. वहीं पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Pandit Dhirendra Shastri) ने लोगों का भविष्य बताने या कई तरह के चमत्कार करने को लेकर कहा कि 'मैंने कभी दावा नहीं कि मैं चमत्कारी हूं. हम कोई ईश्वर नहीं, कोई महात्मा नहीं हैं. हमारी सिर्फ अपने ईष्ट के प्रति आस्था, ऋृषि परंपरा के प्रति आस्था है. इस महिमा का हम अनुकरण करते हैं और उस आस्था से हमें रास्ता मिल जाता है तो लोग इसे चाहे जो नाम दें.' 


बागेश्वर धाम आने से लोगों का इलाज हो जाता है तो कैंसर हॉस्पिटल बनाने की क्या जरूरत थी? 'आप की अदालत' पूछे गए इस सवाल पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि "हम यही बताना चाहते हैं कि दुआ और दवा दोनों जरूरी है, हमने ये नहीं कहा कि हम डॉक्टरों के खिलाफ हैं. "बागेश्वर बाबा ने कहा कि दुआ और दवा दोनों हमारी परंपरा में शामिल है. शास्त्री ने कहा कि इससे पहले उन्होंने मंदिर के पास औषधालय खुलवाया है वहां पर ग्राम पंचायत का भवन है जहां आयुर्वेदिक औषधालय बना है. बागेश्वर बाबा ने आगे कहा कि नीचे दवा है और वहां ठीक नहीं हुए तो दुआ के लिए मंदिर पर चढ़ आओ. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हमने कोई प्रचार नहीं किया, डॉक्टर ऐड करते हैं. वे ऑपरेशन करते हैं जब मरीज फिर भी ठीक नहीं होते तो कहते हैं कि प्रार्थना करो.


सनातनियों को दिया था नारा
वहीं इससे पहले पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Pandit Dhirendra Shastri) ने कहा था कि 'सनातन के ऊपर उंगली उठाई जाएगी तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, सांच को आंच नहीं, जब तक जिएंगे सनातन की बात करेंगे. उन्होंने आगे कहा था कि सारे हिंदू एक हो जाओ, आज सुभाषचंद्र बोस की जयंती है, उनका नारा था- तुम मुझे खून दो हम तुम्हें आजादी दूंगा. हम आज कहते हैं तुम मेरा साथ दो, तुम्हें हम हिंदू राष्ट्र दूंगा.'


बागेश्वर सरकार क्यों है चर्चा में
गौरतलब है कि बागेश्वर धाम सरकार को नागपुर में अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति की तरफ से चुनौती दी गई थी. इसपर देशभर बवाल मच गया था. हिंदू संगठनों ने भी अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के प्रमुख श्याम मानव का पुतला दहन किया था. वहीं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रायपुर के दिव्य दरबार में श्याम मानव को आमंत्रण दिया था. उन्होंने चुनौती स्वीकार करते हुए किराए का खर्चा भी उठाने का बयान दिया था. तब से ये मामला देशभर चर्चा का विषय बना हुआ है.



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