Lok Sabha Election 2024: बालाघाट सांसद का टिकट कटने की परंपरा इस बार भी कायम, OBC वोटर्स को साधने के लिए BJP का खास प्लान
Balaghat Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश की बालाघाट लोकसभा सीट पर BJP ने सांसद का टिकट काट कर पार्षद भारती पारधी को प्रत्याशी बनाया है जिसके बाद बीजेपी में गुटबाजी भी देखी जा रही है.
MP Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश के नक्सली प्रभावित बालाघाट संसदीय क्षेत्र से वर्तमान सांसद का टिकट काटने की अपनी परंपरा को भारतीय जनता पार्टी ने इस बार कायम रखा है. इस बार भी पार्टी ने वर्तमान सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन का टिकट काटकर पार्षद भारती पारधी को अपना उम्मीदवार बनाकर सबको चौंका दिया है. माना जा रहा है कि ओबीसी महिला को टिकट देकर बीजेपी ने इस सीट पर मास्टर स्ट्रोक चला है.
हालांकि, अपना टिकट कटने से वर्तमान सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन पार्टी से नाराज भी बताई जा रहे हैं. वहीं, कांग्रेस ने इस सीट पर फिलहाल उम्मीदवार फाइनल नहीं किया है.
दरअसल, मध्य प्रदेश की बालाघाट लोकसभा सीट नक्सली मूवमेंट के कारण सबसे ज्यादा संवेदनशील मानी जाती है. यहां मतदान करना इलेक्शन कमीशन के लिए हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है.बालाघाट लोकसभा सीट पर पिछले पांच आम चुनावों से बीजेपी का कब्जा हैं. हालांकि, बालाघाट संसदीय सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के अलावा तीसरे दल ने भी जीत दर्ज की है. बालाघाट लोकसभा सीट से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के उम्मीदवार भी चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे है.
क्या कहता है बालाघाट का इतिहास
1952 में पहली बार बालाघाट संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के चिंतामन राव गौतम सांसद चुने गए थे. इसके बाद 1962 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के स्वर्गीय भोलाराम पारधी ने कांग्रेस को पटखनी देते हुए सांसद बने थे. वे पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन के नाना और बीजेपी की उम्मीदवार भारती पारधी के दादा थे. इसके बाद 1977 में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया से कचरूलाल हेमराज जैन बालाघाट के सांसद बने.
कहते हैं कि उस वक्त भारतीय राजनीति में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया का भी खासा प्रभाव था. साल 1989 में निर्दलीय प्रत्याशी कंकर मुंजारे भी बालाघाट से सांसद चुने गए थे. इसके बाद 1991 से 1996 तक कांग्रेस के विश्वेश्वर भगत चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे.
इसके बाद बीजेपी ने जो कांग्रेस को पछाड़ा तो फिर उसकी वापसी नहीं हो सकी.तब से अभी तक बालाघाट में बीजेपी का परचम लहरा रहा है.1999 में प्रहलाद पटेल बालाघाट से सांसद चुने गए थे. फिर क्रमशः गौरी शंकर बिसेन (2004), केडी देशमुख (2009), बोध सिंह भगत (2014) और डॉ ढाल सिंह बिसेन (2019) को जीत मिली.
विधानसभा में बीजेपी पिछड़ी
हालांकि,2023 के विधानसभा चुनाव में भी बालाघाट जिले में काफी राजनीतिक उठा पटक देखी गई. बालाघाट लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 8 सीटें आती हैं.ये बैहर, बालाघाट, बारघाट, लांजी, वारसिवनी, सिवनी, पारसवाडा और कटंगी विधानसभा सीट है.विधानसभा चुनाव में बालाघाट जिले की 6 सीटों में से चार पर कांग्रेस तो महज दो सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी.बालाघाट के दिग्गज नेता गौरीशंकर बिसेन को भी इस विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है.इसलिए अब लोकसभा चुनाव को बीजेपी ने बड़ी चुनौती के रूप में लिया है.
पार्षद से सीधे लोकसभा की टिकट
बीजेपी की बात करें तो विधानसभा चुनाव में हार से सबक लेते हुए पार्टी ने बिलकुल नए चेहरे भारतीय पार्टी को बालाघाट लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बना दिया है. भारती पारधी फिलहाल बालाघाट के वार्ड क्रमांक 22 से पार्षद हैं. इसके पहले भी जिला पंचायत की सदस्य थी इसके अलावा संगठन में महामंत्री और उपाध्यक्ष का दायित्व भी भारती पारधी निभा चुकी हैं. माना जा रहा है कि भारती पारधी के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने केंद्रीय नेतृत्व से पैरवी की थी.
पवार जाति का वर्चस्व
बालाघाट लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 13 लाख 14,181 है,जिसमें पुरुष मतदाता 6,54000 और महिला मतदाता 6,59000 हैं. क्योंकि, बालाघाट में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले ज्यादा है,इस वजह से भी बीजेपी ने ओबीसी वर्ग की महिला उम्मीदवार भारती पारधी पर दांव खेल कर आधी आबादी को प्रभावित करने की कोशिश की है. जाति समीकरण के हिसाब से देखें तो भारती पारधी जिले की बहुसंख्यक पवार जाति का प्रतिनिधित्व करती हैं. बालाघाट संसदीय क्षेत्र में लगभग साढे चार लाख वोटर पवार जाति के हैं. इसी तरह आदिवासी वोटरों की संख्या लगभग 3 लाख और लोधी समाज के वोटरों की संख्या पौने दो लाख के आसपास बताई जाती है.
इस वजह से ढाल सिंह बिसेन हो गए नाराज
प्रत्याशी की घोषणा के बाद बीजेपी में गुटबाजी भी देखी जा रही है. बताया जाता है कि 16 मार्च को नगर पालिका परिषद बालाघाट द्वारा पार्षद भारती पारधी को बीजेपी द्वारा संसदीय प्रत्याशी बनाए जाने पर स्वागत और सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसके पोस्टर में वर्तमान सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन की फोटो ही नहीं थी. जो पोस्टर भारती पारधी के सोशल मीडिया अकाउंट में डाला गया था, उसमें ढाल सिंह बिसेन की तस्वीर गायब थे, जिससे वे नाराज हो गए. इसी पर सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन ने कमेंट करते हुए लिखा कि,"मेरा तो अभी से फोटो ही गायब कर दिया और कल आने की बात कर रहे थे."
बालाघाट संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार का ऐलान अभी तक नहीं किया है लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी के लिए इस बार रास्ता आसान नहीं है विधानसभा चुनाव में जिले की 6 में से चार सीटों पर हारने बीजेपी के कान खड़े कर रखे हैं.गुटबाजी से पार पाना भी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है. मध्य प्रदेश में चार चरणों में मतदान होंगे. बालाघाट लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होगी.
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