Balaghat News: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में करीब 13 करोड़ की सरकारी धान को खुर्द-बुर्द करने का मामला सामने आया है. इस मामले में धान का भंडारण और रखरखाव करने वाली अहमदाबाद की एक कंपनी के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है. कंपनी को पहले ही ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है.


दरअसल, इस फर्म पर उपार्जित धान का उचित रखरखाव नहीं करने और भंडारित धान को कर्मचारियों द्वारा खुर्द-बुर्द किए जाने का आरोप है. कंपनी को पहले ही ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है. अब जिम्मेदारों पर कानून का शिकंजा कसा जा रहा है. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. 


गो-ग्रीन वेयर हाऊस कंपनी पर एफआईआर
बालाघाट जिले के वारासिवनी थाना प्रभारी शंकर सिंह चौहान के मुताबिक, खापा ओपन कैप में भंडारित धान के रखरखाव में लापरवही बरते जाने और धान के स्कंध की अफरा-तफरी को लेकर स्टेट वेयर हाउस के जिला प्रबंधक रमेश पटले की ओर से शिकायत की गई है. शिकायत के आधार पर अहमदाबाद की गो-ग्रीन वेयर हाऊस लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर संतोष साहू (नवरंगपुरा अहमदाबाद निवासी) समेत स्टेट हेड सौरभ मालवीय और कंपनी के एडवाइजर अखिलेश बिसेन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. 


धान खराब होने से 77 लाख का नुकसान
यहां बताते चले कि बालाघाट में ओपन कैप में उपार्जित धान के स्कंध खुर्द-बुर्द किए जाने से करीब 6632.48 टन धान की कमी पाई गई. इसकी कीमत करीब 12.886 करोड़ बताई जा रही है. इतना ही नहीं रखरखाव में लापरवाही बरते जाने से करीब 39.898 टन धान खराब हो गया. धान खराब होने से लगभग 77 लाख रुपये का नुकसान हुआ. इसके लिए फर्म को जिम्मेदार मानते हुए वसूली की कार्रवाई प्रस्तावित की गई थी, लेकिन फर्म के जिम्मेदारों द्वारा कोताही बरते जाने पर मध्य प्रदेश वेयर हाऊसिंग लॉजिस्टिक एंड कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक के निर्देश के बाद आखिरकार बालाघाट में जिला प्रबंधक ने वारासिवनी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. हालांकि, कहा जा रहा है कि स्थानीय अधिकारियों ने लंबे समय तक इस मामले को दबाकर रखा हुआ था.


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