Banana Festival 2024: 20 फरवरी से बनाना फेस्टिवल शुरू, केले के उत्पादन और क्वालिटी को बढ़ावा देना लक्ष्य
Banana Festival 2024: एक जिला-एक उत्पाद अंतर्गत बुरहानपुर जिले में ''बनाना फेस्टिवल'' 2024 का आयोजन किया जा रहा है. बुरहानपुर मध्य प्रदेश का एकमात्र केला उत्पादक जिला है.
MP Banana Festival: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में अनूठा दो दिवसीय केला उत्सव मनाया जा रहा है. बुरहानपुर जिला प्रशासन के सहयोग से 20 और 21 फरवरी को देश के प्रसिद्ध केला वैज्ञानिक और केला उत्पादक किसान केला उत्पादन, निर्यात की संभावनाओं, केला उत्पादकों की आर्थिक समृद्धि और से जुड़े विषयों पर विचार-विमर्श होगा. बुरहानपुर मध्य प्रदेश का एकमात्र केला उत्पादक जिला है. केले को एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल किया गया है और हाल ही में बुरहानपुर को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पुरस्कार मिला है.
बुरहानपुर से इराक, ईरान, दुबई, बहरीन और तुर्की को सालाना 30 हजार मीट्रिक टन केले का निर्यात हो रहा है. बुरहानपुर केले की प्रसिद्धि दूर-दूर तक पहुंच गई है. केला उत्पादक किसानों की मेहनत और सरकार की मदद ने बुरहानपुर को एक नई पहचान दिलाई है. बुरहानपुर जिले में केले का क्षेत्रफल 23 हजार 650 हेक्टेयर है और 18 हजार से ज्यादा किसान केले की फसल ले रहे हैं. सालाना उत्पादन 16 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा होता है. केले की बिक्री का व्यापार सालाना 1700 करोड़ रुपये के करीब होता है. उत्पादन के क्षेत्र में इच्छुक निवेशकों को भी बुलाया गया है.
बनाना फेस्टिवल का होगा कल से आयोजन
एक जिला-एक उत्पाद अंतर्गत बुरहानपुर जिले में ''बनाना फेस्टिवल'' 2024 का आयोजन किया जा रहा है. दो दिवसीय फेस्टिवल 20-21 फरवरी को बहादरपुर रोड स्थित होटल उत्सव में आयोजित होगा. महोत्सव का शुभारंभ 20 फरवरी को किया जायेगा. आपको बता दें कि बनाना फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य एक जिला-एक उत्पाद अंतर्गत केले से निर्मित विभिन्न उत्पाद, उनकी मार्केटिंग, पैकेजिंग, प्रोसेसिंग जैसे अन्य प्रक्रियाओं से रूबरू कराना है. केले और हल्दी बनाना फेस्टिवल में केले और हल्दी के प्रसंस्करण में तकनीक, नवाचार और सेल्स की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया जायेगा. भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए, केले के रेशे से हस्तशिल्प उत्पाद, केला का रेशा कपड़ा और विविध खाद्य उत्पादों पर निवेश की उम्मीद है.
जिले में केले की खेती का क्षेत्रफल 23 हजार 650 हेक्टेयर है.16 लाख मीट्रिक टन केला का उत्पादन होता है. जिले में 18 हजार 325 किसान केले की खेती से जुड़े हैं. केले की बिक्री से 1700 करोड़ रुपये का कारोबार होता है. वहीं बुरहानपुर में 2700 हेक्टेयर में हल्दी की खेती की जाती है, जिसमें 71 हजार 280 मीट्रिक टन हल्दी उगाई जाती है. हल्दी की खेती से 1125 किसान जुड़े है तथा इसकी बिक्री का कारोबार 74.84 करोड़ रुपये का है. बनाना फेस्टिवल अंतर्गत जिला प्रशासन का प्रयास रहेगा कि उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी लाया जाये.
बनाना फेस्टिवल में होंगे 8 सेशन
बनाना फेस्टिवल में प्रदर्शनी, बायर और सेलर मीट, हेरिटेज वॉक, लाईट एंड साउंड शो, कल्चरल प्रोग्राम, फील्ड विजिट आयोजित रहेगी. वहीं सेल्स, डिजाईन, एक्सपोर्ट, टेक्नोलॉजी, फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाईल्स एण्ड लेदर टेक्नोलॉजी इत्यादि विषयों पर विशेषज्ञों की तरफ से जानकारी दी जायेगी. केला आनंद मेला अंतर्गत केला व्यंजन प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा. बनाना फेस्टिवल में कुल 8 सेशन आयोजित है, जिसमें विशेषज्ञ जानकारी देंगे. बनाना फेस्टिवल में वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की तरफ से मुख्य विषयों पर सेशन आयोजित किये जा रहे हैं.
ये प्रमुख कंपनियां आएंगी बनाना फेस्टिवल में
बनाना फेस्टिवल में नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर बनाना केरला, सीआईएएई (सेंटर इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग) सेंटर, कोयम्बटूर अंडर आईसीएआर (इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च), नवसारी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी गुजरात, महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट फॉर रूरल इंडस्ट्री लाइजेशन वर्धा, सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन कॉटन टेक्नोलॉजी मुंबई (सीआईआरसीओटी), स्त्री उद्यमी फाउंडेशन एंड सौख्यम तमिलनाडु सहित अन्य उद्यमियों और कंपनियों, डिजाईनर्स की तरफ से शिरकत की जायेंगी.
बनाना फेस्टिवल में बड़े पैमाने पर करीब 25 प्रदर्शनी-स्टॉल लगाये जा रहे हैं. बनाना फेस्टिवल के तहत किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए किसान संगोष्ठी भी आयोजित रहेंगी. संगोष्ठी में विभिन्न विषय-विशेषज्ञों की तरफ से व्याख्यान दिया जायेगा. होटल उत्सव में 20 फरवरी, को शाम 5 बजे से केला आनंद मेला का आयोजन किया जा रहा है. इसके तहत केला व्यंजन प्रतियोगिता होगी.
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