Bandhavgarh Elephants Death Case: बांधवगढ़ में हुई हाथियों की मौत के बाद से प्रदेश सरकार अलर्ट है. यही कारण है कि हाथियों के व्यवहार को समझने के लिए प्रदेश के फॉरेस्ट अफसरों की टीम को कर्नाटक भेजा गया है. पीसीसीएफ ने अध्ययन करने के लिए दो टीमें बनाई है, जिसमें पहली टीम रवाना की गई है. बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 11 हाथियों की मौत के बाद से हाथियों पर स्टडी करने का काम प्रारंभ हो गया है. इसके लिए पीसीसीएफ वन्यप्रणाली ने दो अलग-अलग टीमें बनाई है.


पहली टीम बुधवार को कर्नाटक और तमिलनाडु के लिए रवाना हो गई, जो 23 नवंबर तक रहेगी. इसक बाद दूसरी टीम रवाना होगी, जो 30 नवंबर तक दोनों प्रदेशों में मानव-हाथी संघर्ष प्रबंधन रणनीतियां, प्रभावी अवरोध और एआई के उपयोग पर अध्ययन करेगी.


पहली टीम में कौन-कौन शामिल है
पहली टीम का प्रभारी आईएफएस अमित कुमार दुबे, फील्ड डायरेक्ट संजय टाइगर रिवर्ज को बनाया गया है. जबकि टीम में उप संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व डीएफओ शहडोल उत्तर, उमरिया, मंडला पश्चिम और सीधी वन विभाग के साथ एक-एक रेंज अधिकारी कान्हा, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, शहडोल उत्तर, उमरिया, मंडला पश्चिम और सीधी वन संभाग, पशु चिकित्सक संजय टाइगर रिवर्ज के अधिकारी शामिल हैं.


दूसरी टीम में कौन-कौन शामिल है
दूसरी टीम में 25 से 30 नवंबर तक अध्ययन करेगी. इस टीम का प्रभारी डॉ. अनुपम सहाय फील्ड डायरेक्टर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को बनाया गया है. इस टीम में डिप्टी डायरेक्टर संजय टाइगर रिजर्व, कान्हा टाइगर रिजर्व बफर, डीएफओ शहडोल दक्षिण, मंडला पूर्व, कटनी, अनूपपुर वन संभाग, एडीजी संजय टाइगर रिवर्ज, एसडीओ शहडोल दक्षिण, मंडला पूर्व, कटनी, अनूपपुर वन संभाग, एक-एक रेंज अधिकारी संजय टाइगर रिजर्व, शहडोल दक्षिण, मंडला पूर्व, कटनी, अनूपपुर वन संभाग और पशु चिकित्सक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व शामिल रहेंगे.


बता दें कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के बाद वन विभाग एक्शन मोड में है. पशु चिकित्सक डॉ. नितिन गुप्ता को हटा गया है उनकी जगह डॉ. राजेश तोमर को वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी नियुक्त किया गया है.


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